हाल ही में लोकसभा में पर्यावरण मंत्रालय की प्रतिक्रिया के अनुसार, प्रतिपूरक वनीकरण कोष अधिनियम और योजना प्राधिकरण (CAMPA) ने अब तक 32 राज्यों को 48,606 करोड़ रुपये का वितरण किया है।
CAMPA फंड, उद्योगों द्वारा अपनी व्यावसायिक योजनाओं के लिए वन भूमि को नष्ट करने पर पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में लगभग एक दशक की अवधि में एकत्र की गई 54,000 करोड़ रुपए की राशि, ‘प्रतिकरात्मक वनीकरण निधि’ (CAF) के दीर्घकालीन लंबित बकाया से निर्मित ‘कोष’ है।
‘प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि अधिनियम’, 2016 के अंतर्गत ‘CAMPA फंड’ को निष्पादित करने के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकरण – ‘प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण’ (CAMPA) की स्थापना की गयी है।
CAMPA फंड
पृष्ठभूमि:
- राज्यों में प्रतिपूरक वनरोपण के लिए एकत्रित धन के कम उपयोग के प्रारंभिक अनुभव के साथ, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2001 में प्रतिपूरक वनीकरण कोष और प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (CAMPA) की स्थापना का आदेश दिया।
- वर्ष 2006 में, अलग बैंक खाते खोले गए और उनमें प्रतिपूरक लेवी जमा की गई और प्रतिपूरक वनरोपण निधि के प्रबंधन के लिए तदर्थ कैम्पा की स्थापना की गई।
- वर्ष 2009 में, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को प्रतिपूरक वनरोपण और अन्य गतिविधियों के लिए प्रति वर्ष 1000 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की अनुमति दी।
- इसके तहत केंद्रीय स्तर पर राष्ट्रीय प्रतिपूरक वनरोपण कोष बनाया गया है और राज्यों में राज्य प्रतिपूरक वनरोपण कोष (राज्य प्रतिपूरक वनरोपण कोष) बनाया गया है, जो संबंधित लोक लेखा के अधीन होगा।
- इन निधियों के लिए धन इन स्रोतों से आएगा – प्रतिपूरक वनीकरण, वन का शुद्ध वर्तमान मूल्य (एनपीवी) और अन्य परियोजनावार भुगतान।
- प्राप्त राशि का 10% राष्ट्रीय खजाने में जाएगा और शेष 90% राज्य के खजाने में जाएगा।
‘प्रतिकरात्मक वनरोपण’
‘प्रतिकरात्मक वनरोपण’ का अर्थ है, कि हर बार जब वन भूमि का खनन या उद्योग जैसे गैर-वन उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है, तो उपयोगकर्ता एजेंसी को इस वन-भूमि के बराबर क्षेत्रफल में गैर-वन भूमि में वनरोपण के लिए भुगतान करना होता है, या जब इसके लिए गैर-वन भूमि उपलब्ध नहीं होती है, तो अवक्रमित वन भूमि क्षेत्र के दोगुने का भुगतान करना होता है।
स्रोत – द हिंदू