प्रकृति आधारित समाधान (NbS)
- हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने ‘स्टेट ऑफ फाइनेंस फॉर नेचर 2022 शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है।
- रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में प्रकृति आधारित समाधान (NbS) के लिए वार्षिक आधार पर 154 बिलियन अमेरिकी डॉलर का वित्त आवंटित किया जा रहा है।
प्रकृति आधारित समाधानः
- प्रकृति आधारित समाधान (NbS) से आशय सामाजिक-पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिये प्रकृति के स्थायी प्रबंधन और उपयोग से है।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा NbS को प्राकृतिक और संशोधित पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा, स्थायी प्रबंधन और पुनर्स्थापना करने के कार्य के रूप में परिभाषित किया गया है जो सामाजिक चुनौतियों को प्रभावी और अनुकूल ढंग से संबोधित करने के साथ मानव कल्याण एवं जैव विविधता से जुड़े लाभ प्रदान करते हैं।
- उदाहरण के लिए, तटीय क्षेत्रों में बाढ़ से निपटने हेतु पारंपरिक तरीकों, जैसे- मानव निर्मित बुनियादी ढांचे (समुद्री दीवारों) का उपयोग किया जाता है ।
- NbS के तहत यह धारणा है कि इस बाढ़ से वृक्षारोपण के माध्यम से भी निपटा जा सकता है
- वृक्षारोपण से पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का लाभ प्राप्त होता है। साथ ही, वृक्ष तूफानों के प्रभाव को कम करके जैव-विविधता को सुरक्षा प्रदान करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN)
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की स्थापना वर्ष 1948 में की गई थी। यह एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। जो प्रकृति के संरक्षण तथा प्राकृतिक संसाधनों के धारणीय उपयोग को सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करती है।
- इसका मुख्यालय ग्लैंड (स्विटज़रलैंड) में स्थित है।
- IUCN द्वारा जारी की जाने वाली लाल सूची दुनिया की सबसे व्यापक सूची है, जिसमें पौधों और जानवरों की प्रजातियों की वैश्विक संरक्षण की स्थिति को दर्शाया जाता है।
- IUCN द्वारा प्रजातियों के विलुप्त होने के जोखिम का मूल्यांकन करने के लिये कुछ विशेष मापदंडों का उपयोग किया जाता है। ये मानदंड दुनिया की अधिकांश प्रजातियों के लिये प्रासंगिक हैं।
स्रोत – डाउन टू अर्थ