आयोग ने पोषण (POSHAN) अभियान पर चौथी प्रगति रिपोर्ट जारी
हाल ही में नीति आयोग ने पोषण (Prime Minister’s Overarching Scheme for Holistic Nourishment: POSHAN) अभियान पर चौथी प्रगति रिपोर्ट जारी की है ।
पोषण (समग्र पोषण के लिए प्रधान मंत्री की व्यापक योजना) अभियान केंद्र सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है।
इसका उद्देश्य बच्चों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और किशोरों के लिए पोषण संबंधी स्तरों में सुधार करना है।
यह एक से अधिक मंत्रालयों के समन्वय पर आधारित मिशन है। यह समयबद्ध तरीके से कुपोषण पर भारत की प्रगति में तेजी लाने पर केंद्रित है।
यह रिपोर्ट पोषण कार्यक्रम के कार्यान्वयन तथा पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव का आकलन करती है। इसके अलावा, यह पूरे भारत में सेवा वितरण के बहाल होने की स्थिति पर भी जानकारी प्रदान करती है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
- कार्यक्रम के तहत आवंटित निधि के उपयोग की गति धीमी है। 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आधे से भी कम निधि का उपयोग किया गया है।
- उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में निधि का कम उपयोग हुआ है, जहां मोबाइल फोन का वितरण और विकास की निगरानी करने वाले उपकरण कम हैं।
- पिछली प्रगति रिपोर्टों की तुलना में मानव संसाधन, अवसंरचना व क्षमता निर्माण के सामर्थ्य में सुधार हुआ है।
प्रमुख सिफारिशें
- कवरेज का विस्तार करने के साथ-साथ आवश्यक स्वास्थ्य और पोषण संबंधी उपायों की गुणवत्ता में भी सुधार किया जाना चाहिए।
- यह सुधार समेकित बाल विकास सेवाएं (ICDS) और स्वास्थ्य संबंधी अन्य प्लेटफॉर्स का सुदृढ़ीकरण जारी रखते हुए किया जा सकता है।
- कमजोर परिवारों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रमुख क्षेत्रों के साथ अभिसरण (Convergence) बढ़ाया जाना चाहिए। विशेष रूप से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से खाद्य और नागरिक आपूर्ति तथा महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के माध्यम से ग्रामीण विकास के साथ अभिसरण की जरूरत है।
- राज्य और जिला केंद्रित समाधान की आवश्यकता है। इससे खराब पोषण के लिए जिम्मेदार कारकों को समझने और कार्यक्रम के कार्यान्वयन के समक्ष आ रही चुनौतियों की पहचान कर उसे दूर करने में मदद मिलेगी।
स्रोत –द हिन्दू