वर्ष 2022 में शुरू होने वाले पोलावरम बांध परियोजना के संचालन ने विकास प्रेरित विस्थापन की चिंता बढ़ा दी है।
यह आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में रामय्यमपेट गांव के निकट गोदावरी नदी पर स्थित एक बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना है।
इसमें गोदावरी नदी के जल को कृष्णा नदी बेसिन की ओर डायवर्ट किया गया है।
यह परियोजना दो प्रमुख नहरों के माध्यम से कृष्णा, पूर्व और पश्चिम गोदावरी तथा विशाखापत्तनम जिलों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराएगी।
पोलावरम बांध परियोजना – संबद्ध चिंताएँ:
- स्थानीय लोगों को मुआवजे का कम मूल्यांकन, पुनर्वास स्थलों में समस्याएं (जनजातीय जरूरतों के लिए अनुपयुक्त), आजीविका, स्थानीय परामर्श का अभाव, अधिवासित क्षेत्र का जलमग्न होना आदि।
- इसके अतिरिक्त यह परियोजना अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्रों में उनके वन अधिकारों की मान्यता को प्रभावित करेगी।
स्रोत –द हिन्दू
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