पेरू में गुइलेन-बैरी सिंड्रोम (GBS) के कारण राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा

पेरू में गुइलेन-बैरी सिंड्रोम (GBS) के कारण राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा

हाल ही में दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल रोग- गुइलेन-बैरी सिंड्रोम (Guillain-Barre syndrome : GBS) के मामलों में भारी वृद्धि के बाद 90 दिनों की राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की गई।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में इसके 165 मामले दर्ज किये गए हैं चार लोगों की मौत हो गई है।

हालांकि इस सिंड्रोम का सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन रिपोर्टों से पता चला है कि दो- तिहाई रोगियों में पिछले छह सप्ताह में कोविड -19 या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण या जीका वायरस संक्रमण के लक्षण देखे गए थे।

सभी उम्र के लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन यह वयस्कों और पुरुषों में अधिक आम है। अधिकांश लोग गुइलेन- बैरे सिंड्रोम के सबसे गंभीर मामलों से भी पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।

गिल्लन बर्रे सिंड्रोम (GBS)

यह एक बहुत ही दुर्लभ ऑटोइम्यून विकार (Autoimmune Disorder) है। GBS बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण होता है।

इस विकार से ग्रसित रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली कोरोनोवायरस को मारने के प्रयास में गलती से परिधीय तंत्रिका तंत्र (Peripheral Nervous System) पर हमला करना शुरू कर देती है, जिससे शरीर के  अंगों की कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है।

परिधीय तंत्रिका तंत्र, तंत्रिकाओं का एक नेटवर्क है जो मस्तिष्क एवं रीढ़ की हड्डी द्वारा शरीर के विभिन्न हिस्सों से संबद्ध होता है।

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के गंभीर मामले दुर्लभ हैं, लेकिन इसके परिणामस्वरूप लगभग पूर्ण पैरालिसिस (लकवा) हो सकता है।

अतीत में ‘मिडिल-ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम’ (Middle East Respiratory Syndrome) के मरीज़ों में GBS के लक्षण दिखाई दिये थे जैसा कि ज़ीका, एचआईवी, हर्पीस वायरस (Herpes Virus) और कैंपिलोबैक्टर जेजुनी (Campylobacter Jejuni) से संक्रमित लोगों में देखा गया  था।

लक्षण: इसके प्रमुख लक्षण- त्वचा में खुजली, मांसपेशियों में कमज़ोरी, दर्द एवं सुन्न हो जाना हैं।

ये लक्षण सबसे पहले पैरों एवं हाथों में उभर सकते हैं। इसमें व्यक्ति को पैरालिसिस का अनुभव होने लगता है जो अस्थायी हो सकता है, किंतु 6-12 महीने या उससे अधिक समय तक रह सकता है।

उपचार: GBS उपचार में प्लास्मफेरेसिस जैसी प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं, जो प्लाज़्मा को हटा देती है और इसे अन्य तरल पदार्थों से परिवर्तित कर देती है।

स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस

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