पेटेंट और कॉपीराइट पंजीकरण का सरलीकरण: रिपोर्ट
हाल ही में भारत सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ,पेटेंट और कॉपीराइट पंजीकरण का सरलीकरण, भारत को नवाचार हब बनाने में सहायक सिद्ध हो रहा है।
पेटेंट, डिजाइन व ट्रेडमार्क के पारितंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा हाल ही में की गई पहलें:
- सरलीकृत और सुव्यवस्थित बौद्धिक संपदा (Intellectual Property: IP) प्रक्रियाः पंजीकरण की प्रक्रिया को पुनर्व्यवस्थित किया गया है । साथ ही, फाइलिंग व सेवाओंकी प्राप्ति को सुगम बनाने तथा इनके प्रोत्साहन हेतु डिजिटल प्रणाली को अंगीकृत किया गया है । उदाहरण के लिए, प्रत्येक आवेदन का आरंभ से अंत तक ऑनलाइन संसाधित किया जाना व वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई आदि।
- पेटेंट की त्वरित परीक्षण प्रणालीः विशेष रूप से स्टार्टअप्स, महिला उद्यमियों आदि द्वारा दायर आवेदनों के लिए पेटेंट की जांच में तेजी लाने पर विशिष्ट ध्यान दिया जाताहै (इसके परिणामस्वरूप पेटेंट को एक वर्ष के भीतर स्वीकृति मिल सकती है)।
- शुल्क में कमीः स्टार्टअप्स, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों (MSMEs) और महिला उद्यमियों के लिए शुल्क 80 प्रतिशत तक कम किया गया है।
IP आवेदनों की वास्तविक समय (रियल टाइम) आधारित स्थिति, भारतीय पेटेंट उन्नत खोज प्रणाली (Indian Patent Advanced Search System: InPASS), आवेदकों के लिए एस.एम.एस. अलर्ट आदि के माध्यम से सूचना के प्रसार तक बेहतर पहुंच एवं पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है।
इन पहलों का प्रभाव:
- विगत 5 वर्षों में भारत में पेटेंट और ट्रेडमार्क पंजीकरणों में चार गुना बढ़ोतरी हुई है।
- वैश्विक नवाचार सूचकांक (Global Innovation Index: GII) में वर्ष 2015-16 में प्राप्त 81वें स्थान से सुधार करते हुए भारत ने वर्ष2020 में 48वां स्थान प्राप्त किया है, जो कि विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organisation: WIPO) द्वारा जारी किया गया है।
महानियंत्रक एकस्व, अमिकल्प एवं व्यापार चिन्ह (Controller General of Patents, Designs & Trade Marks):
- एकस्व अधिनियम, 1970, अभिकल्प अधिनियम, 2000 और व्यापार चिह्न अधिनियम, 1999 की कार्यप्रणाली का पर्यवेक्षण करता है।
- यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन एवंआंतरिक व्यापार विभाग (Department of Promotion of Industry and Internal Trade: DPIIT) के तहत कार्य करता है।
स्रोत – पीआईबी