पृथ्वी की विवर्तनिक प्लेटों का नया मानचित्र जारी
हाल ही में भूकंप और ज्वालामुखियों को समझने में मदद करने के लिए लिए पृथ्वी की विवर्तनिक प्लेटों का नया मानचित्र जारी किया गया है ।
‘न्यू मैप्स ऑफ ग्लोबल जियोलाजिकल प्रॉविन्सेस एंड टेक्टोनिक प्लेट्स’ शीर्षक से एक अध्ययन रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। यह अध्ययन पहले विशाल महाद्वीप (Supercontinent) वालबारा जैसे महाद्वीपों के पूर्व निर्माण पर गहन शोध करता है।
वालबारा विखंडित होकर अगले कई वर्षों तक अन्य विशाल महाद्वीपों का निर्माण करता रहा। इनमें अंतिम विशाल महाद्वीप पैंजिया था। यह 335-65 मिलियन वर्ष पहले अस्तित्व में था।
पैंजिया से सात आधुनिक महाद्वीपों का निर्माण हुआ, जो आज पृथ्वी की सतह निर्मित करते हैं।
प्लेट विवर्तनिकी एक वैज्ञानिक सिद्धांत है। यह वर्णित करता है कि पृथ्वी की आंतरिक गतियों के परिणामस्वरूप प्रमुख भू-आकृतियां कैसे बनती हैं।
प्लेट विवर्तनिकी मॉडल को वर्ष 2003 में अपडेट किया गया था। शोधकर्ताओं ने नया मानचित्र बनाने के लिए तीन भूवैज्ञानिक मॉडलों को एक साथ जोड़ा है।
- प्लेट मॉडलः यह प्लेट सीमाओं के मौजूदा ज्ञान पर आधारित है।
- प्रोविंस (भूखंड) मॉडलः यह पृथ्वी की सतह के भूविज्ञान पर आधारित है।
- आरगेनी (पर्वतन) मॉडलः यह पर्वत निर्माण प्रक्रिया पर आधारित है। दो विवर्तनिक प्लेटों के टकराने से पर्वत निर्माण प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
नए प्लेट मॉडल में मैक्वेरी माइक्रोप्लेट सहित कई नई माइक्रोप्लेट्स शामिल की गई हैं। मैक्वेरी माइक्रोप्लेट तस्मानिया के दक्षिण में स्थित है। कैप्रीकॉर्न माइक्रोप्लेट भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई प्लेटों को अलग करती है।
महत्व:
- यह प्लेट सीमाओं के समीप आने वाली भूकंप और ज्वालामुखी जैसी प्राकृतिक विपदाओं की बेहतर समझ प्रदान करता है।
- खनिजों की खोज और पृथ्वी के विकास की बेहतर समझ प्रदान करता है।
स्रोत –द हिन्दू