पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला सतत विकास लक्ष्य (SDG) सूचकांक और डैशबोर्ड 2021-22 जारी
नीति आयोग ने पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला सतत विकास लक्ष्य (SDG) सूचकांक और डैशबोर्ड 2021-22 जारी किया है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला सतत विकास लक्ष्य (SDG) सूचकांक और डैशबोर्ड नीति आयोग तथा उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (M/DoNER) का एक सहयोगी प्रयास है। इसमें संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) से तकनीकी सहायता भी प्राप्त हुई है। यह आठ पूर्वोत्तर राज्यों के जिलों के प्रदर्शन को मापने पर केंद्रित है।
यह भारत में SDG के स्थानीयकरण की दिशा में एक कदम है अर्थात् वर्ष 2030 SDG को स्थानीय कार्रवाई और उसके प्रभाव में रूपांतरित करना है।
इस SDG सूचकांक का विकास और कल्याणकारी गतिविधियों, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल आदि की योजना बनाने के लिए एक आधार के रूप में उपयोग किया जाएगा।
पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) के लिए प्रमुख पहलें
- पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम लिमिटेड (NERAMAC) का पुनरुद्धारः इसका उद्देश्य बेहतर कृषि सुविधाएं प्रदान करने, किसानों को क्लस्टर में प्रशिक्षण देने, जैविक बीजऔर उर्वरक आदि जैसी नवीन योजनाओं के कार्यान्वयन में मदद करना है।
- राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-पामऑयल (NMEO-OP)नवीन उपज का 50% पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए लक्षित है।
- पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम लिमिटेड (NEDFI) द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान करके NER के शिल्पियों को विकसित करने के लिए आत्मनिर्भर हस्तशिल्पकार योजना संचालित की जा रही है।
- सड़कों के निर्माण/ उन्नयन के लिए उत्तर पूर्व राज्य सड़क निवेश कार्यक्रम (NESRIP) आरंभ किया गया है।
- स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और कोविङ-19 के प्रकोप का सामना करनेके लिए उत्तर पूर्व विशेष अवसंरचना विकास योजना (NESIDS) निर्मित की गई है।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र जिला SDG सूचकाक के उद्देश्य
- क्षेत्र के सभी राज्यों और जिलों के लिए SDGs की निगरानी को मजबूत करना।
- जिला स्तर पर व्यापक प्रगति निगरानी साधन के रूप में NER जिला SDG सूचकांक स्थापित करना।
- राज्यों और जिलों को महत्वपूर्ण क्षेत्रीय कमियों की पहचान करने में सक्षम बनाना।
- राज्यों और जिलों के बीच क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना।
स्रोत – द हिन्दू