पूर्वी कैरेबियाई द्वीप पर स्थित ला सौर्फ़्रिएअरे ज्वालामुखी में उदगार

पूर्वी कैरेबियाई द्वीप पर स्थित ला सौर्फ़्रिएअरे ज्वालामुखी में उदगार

हाल ही में पूर्वी कैरिबियाई द्वीप पर स्थित ला सौर्फ़्रिएअरे ज्वालामुखी (La Soufrière Volcano) में उदगार हो गया है।

विदित हो कि ला सौर्फ़्रिएअरे ज्वालामुखी 1979 से एक निष्क्रिय ज्वालामुखी था।  इस ज्वालामुखी में वर्ष 1718 के बाद से अप्रैल 2021 तक, पांच बार विस्फोट हो चुका है।

ला सौर्फ़्रिएअरे (La Soufrière)ज्वालामुखी:

  • यह एक कैरिबियन द्वीप सेंट विंसेंट पर स्थित एक सक्रिय स्तरित ज्वालामुखी (Stratovolcano)है ,जो सेंट विंसेंट की सबसे ऊंची चोटी का भी निर्माण करता है।
  • फ्रांसीसी भाषा में La Soufrièreका अर्थ है – “सल्फर आउटलेट”या सल्फर का विसर्जन केंद्र ।
  • इस ज्वालामुखी के उदगार होने संबंधी गतिविधि वर्ष 2020 से ही शुरू हो गई थी, हालाँकि इससे पहले वर्ष 1979 में इस ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ था ।
  • वर्ष 1979 के उदगार से भारी तबाही हुई थी, तथा इस तबाही से लगभग 100 मिलियन अमरीकी डॉलर का नुकसान हुआ था ।
  • 1902 में भी इस ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ था,जिसमें लगभग एक हजार से अधिक लोग की मृत्यु हो गयी थी ।
  • La Soufrièreज्वालामुखी कैरेबियन टेक्टॉनिक प्लेट पर स्थित है और यह द्वीप का सबसे छोटा और सबसे उत्तरी ज्वालामुखी है।

कैरेबियन क्षेत्र और कैरिबियन सागर

  • कैरेबियन क्षेत्र, अमेरिकी महाद्वीप में स्थित है, जहाँ 700 से अधिक द्वीप हैं । इसी क्षेत्र में कैरेबियन सागर भी शामिल है।
  • कैरेबियन शब्द “कैरिब्स” से लिया गया है। “कैरिब्स”, कैरेबियन निम्न एंटीलिज के एक स्वदेशी समुदाय हैं ।
  • कैरिबियन सागर के उत्तर में ग्रेटर एंटिल्स (Greater Antilles) और पूर्व में लेसर एंटिल्स (Lesser Antilles) श्रृखला स्थित है।
  • यह पश्चिम में मैक्सिको और दक्षिण पश्चिम में मध्य अमेरिका से घिरा हुआ है।
  • मेसोअमेरिकन बैरियर रीफ (Mesoamerican Barrier Reef)या महान माया रीफ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बैरियर रीफ, इसी कैरेबियन सागर में स्थित है।
  • मेसोअमेरिकन बैरियर रीफ होंडुरास, ग्वाटेमाला, बेलीज और मैक्सिको द्वारा सीमाबद्ध है।

मिश्रित ज्वालामुखी:

  • मिश्रित ज्वालामुखी को शंक्वाकार ज्वालामुखी भी कहा जाता है।
  • मिश्रित ज्वालामुखी का लावा अत्यधिक चिपचिपा होता है। यह दूर तक फैलने से पहले ठंडा और कठोर हो जाता है। इसके अलावा, मिश्रित ज्वालामुखी में विस्फोट अधिक समय अंतराल पर और अपक्षयकारी प्रकृति के होते हैं।
  • इसका लावा अत्यधिक चिपचिपा और गाढ़ा होता है जिसके कारण यह लावा अधिक हानिकारक प्रकृति का नहीं होता हैं।
  • नायरागोंगो (Nyiragongo )विश्व का एकमात्र खतरनाक मिश्रित ज्वालामुखी है, क्योंकि इसके मैग्मा में सिलिका की मात्रा अधिक है, जो लावा को अधिक तरल बनाता है और लावा की प्रवाह दर बढ़ जाती है।

स्रोत – द हिन्दू

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course