पुरी हेरिटेज कॉरिडोर
हाल ही में पुरी ‘हेरिटेज कॉरिडोर’ प्रस्ताव के खिलाफ अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अनुसार, ओडिशा राज्य सरकार ‘स्मारकों के संरक्षित और नियंत्रित क्षेत्रों’ में उचित लाइसेंस के बगैर ‘पुरी हेरिटेज कॉरिडोर’ का निर्माण कर रही है।
जिससे ‘पुरी के जगन्नाथ मंदिर’ की संरचनागत सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की जा रही है।
‘पुरी हेरिटेज कॉरिडोर’ परियोजना के बारे में:
वर्ष 2016 से इस परियोजना का उद्देश्य धार्मिक शहर ‘पुरी’ को एक अंतरराष्ट्रीय धरोहर स्थल में रूपांतरित करना है। इसके अंतर्गत ‘पुरी झील’ का पुनर्विकास और ‘मूसा नदी’ का जीर्णोद्धार योजना भी शामिल है।
‘जगन्नाथ पुरी मंदिर’ के बारे में:
- यह मंदिर ओडिशा के तटवर्ती शहर ‘पुरी’ में स्थित है ।
- इतिहासकारों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी में पूर्वी गंग राजवंश के राजा अनन्तवर्मन चोडगंग देव द्वारा करवाया गया था।
- यह भगवान् श्रीकृष्ण के एक स्वरूप ‘जगन्नाथ’ को समर्पित तथा वैष्णव संप्रदाय का एक महत्वपूर्ण मंदिर है।
- जगन्नाथ पुरी मंदिर को ‘यमनिका तीर्थ’भी कहा जाता है,जहां हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की उपस्थिति के कारण ‘पुरी’ में मृत्यु के देवता‘यम’की शक्ति समाप्त हो जाती है।
- इस मंदिर को “श्वेत देवालय” एवं “सफेद पैगोडा” के नाम से भी जाना जाता है, और यह ‘चार धाम तीर्थ’ (बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी, रामेश्वरम) का एक भाग है।
- जगन्नाथ पुरी मंदिर, अपनी वार्षिक रथ यात्रा या ‘रथ उत्सव’ के लिए प्रसिद्ध है। इस रथ-यात्रा में में 3 मुख्य देवताओं को विशाल और विस्तृत रूप से सजाए गए मंदिर के आकार में निर्मित रथों पर बिठाकर यात्रा कराई जाती है, इन विशाल रथों को भक्तों द्वारा खींचा जाता है।
स्रोत –द हिन्दू