पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन
अब तक पीएम केयर्स फंड के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु कोविड-19 के दौरान अनाथ हुए कुल 845 बच्चो को चिह्नित किया जा चुका है।
विदित हो कि पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन (PM CARES for Children) योजना को मई 2021 में जारी किया गया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कोविड से प्रभावित बच्चों के सशक्तिकरण एवं सहायता करना है।
पात्रता:
कोविड 19 के कारण माता-पिता दोनों या माता-पिता में से किसी जीवित बचे अभिभावक या कानूनी अभिभावक अथवा दत्तक माता-पिता को खोने वाले सभी बच्चों को ‘पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत सहायता प्रदान दी जाएगी।
इस योजना के प्रमुख बिंदु:
- बच्चे के नाम से सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) : इसके अंतर्गत 18 वर्ष की आयु समाप्ति तक प्रत्येक बच्चे के लिए दस लाख रुपये का एक कोष गठित किया जाएगा।
- स्कूली शिक्षा : दस वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश दिलाने के साथ 11 -18 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय विद्यालय जैसे- सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में भी प्रवेश दिलाया जाएगा।
- उच्च शिक्षा के लिए सहायता : मौजूदा शिक्षा ऋण के मानदंडों के अनुसार भारत में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों अथवा उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण दिलाने में बच्चे की सहायता की जाएगी।
- स्वास्थ्य बीमा : ‘आयुष्मान भारत योजना’ (PM-JAY) के तहत ऐसे सभी बच्चों को लाभार्थी के तौर पर नामांकित किया जाएगा, जिसमें पाँच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर होगा।
इन उपायों की आवश्यकता:
- भारत, वर्तमान में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और इस महामारी के कारण कई बच्चों के माता-पिता की मृत्यु होने के मामलों में वृद्धि हो रही है।
- इसके साथ ही, इन बच्चों को गोद लेने की आड़ में बाल तस्करी की आशंका भी बढ़ गई है।
- कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान ‘बाल विवाह’ संबंधी मामलों में भी वृद्धि हुई है।
स्रोत – द हिन्दू