पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन
हाल ही में प्रधान मंत्री द्वारा कोविड -19 महामारी में अपने माता-पिता को खो देने वाले बच्चों के लिए ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ (PM Cares for children) योजना के अंतर्गत विभिन्न सुविधाएँ प्रारंभ की हैं।
‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’
- इस योजना की आरंभ मई 2021 में किया गया था। इस योजना का उद्देश्य कोविड से प्रभावित बच्चों की सहायता और सशक्तिकरण करना।
- इस योजना के अंतर्गत उन बच्चों को शामिल किया जाएगा, जिनके माता-पिता दोनों या माता-पिता में से किसी जीवित बचे अभिभावक या कानूनी अभिभावक/दत्तक माता-पिता कोविड-19 के दौरान नहीं रहे हैं, ऐसे बच्चों को ‘पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत सहायता दी जाएगी।
इस योजना के प्रमुख बिंदु:
- बच्चे के नाम पर सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट): 18 वर्ष की आयु पूरी करने तक प्रत्येक बच्चे के लिए दस लाख रुपये का एक कोष गठित किया जाएगा।
- स्कूली शिक्षा: दस वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे स्कॉलर के रूप में प्रवेश दिलाया जाएगा।
- स्कूली शिक्षा: 11 -18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय विद्यालय जैसेकि सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में प्रवेश दिलाया जाएगा।
- उच्च शिक्षा के लिए सहायता: मौजूदा शिक्षा ऋण के मानदंडों के अनुसार भारत में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों, उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण दिलाने में बच्चे की सहायता की जाएगी।
- स्वास्थ्य बीमा: ऐसे सभी बच्चों को ‘आयुष्मान भारत योजना’ (PM-JAY) के अंतर्गत लाभार्थी के रूप में नामांकित किया जाएगा, जिसमें पाँच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर होगा।
इन उपायों की आवश्यकता:
- भारत, वर्तमान में कोविड-19 महामारी की दूसरी प्रचंड लहर से जूझ रहा है, और इस महामारी के कारण कई बच्चों के माता-पिता की मृत्यु होने के मामलों में वृद्धि हो रही है।
- इसके साथ ही, इन बच्चों को गोद लेने की आड़ में बाल तस्करी की आशंका भी बढ़ गई है।
- कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान ‘बाल विवाह’ संबंधी मामलों में भी वृद्धि हुई है।
स्रोत – द हिंदू