पीएम-ईबस सेवा
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर सिटी बस संचालन के विस्तार के लिए एक बस योजना “पीएम-ईबस सेवा” (PM-eBus Sewa) को मंजूरी दे दी है।
इसके तहत 10,000 ई-बसें चलाई जाएंगी। इस योजना की अनुमानित लागत 57,613 करोड़ रुपये होगी, जिसमें से 20,000 करोड़ रुपये का समर्थन केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा। यह योजना 10 वर्षों तक बस संचालन का समर्थन करेगी।
लाभ:
- पहुंच से वंचित तक पहुंच बनाना: यह योजना 2011 की जनगणना के अनुसार तीन लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी, जिसमें केंद्रशासित प्रदेशों, पूर्वोत्तर क्षेत्र और पर्वतीय राज्यों की सभी राजधानी शामिल हैं।
- इस योजना के तहत उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां कोई सुव्यवस्थित बस सेवा उपलब्ध नहीं है।
- प्रत्यक्ष रोजगार सृजन: इस योजना के तहत, सिटी बस संचालन में लगभग 10,000 बसें चलाई जाएंगी, जिससे 45,000 से 55,000 प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।
योजना के दो खंड हैं:
- प्रथम खंड के तहत सिटी बस सेवाओं का विस्तार ( 169 शहर): स्वीकृत बस योजना के माध्यम से सार्वजनिक- निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन का विस्तार किया जाएगा। इससे जुड़ी बुनियादी संरचना से डिपो इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास/उन्नयन के लिए सहायता मिलेगी; और ई-बसों के लिए बिहाइंड द मीटर विद्युत इन्फ्रास्ट्रक्चर (सबस्टेशन, आदि) का निर्माण संभव होगा।
- दुसरे खंड के तहत ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल (GUMI) (181 शहर): इस योजना में बस की प्राथमिकता, बुनियादी सुविधा, मल्टीमॉडल इंटरचेंज सुविधाएं, एनसीएमसी – आधारित स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली, चार्जिंग हेतु बुनियादी सुविधाएं आदि जैसी हरित पहल की परिकल्पना की गई है। योजना के तहत, राज्य अथवा नगर इन बस सेवाओं के संचालन और बस ऑपरेटरों को भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
स्रोत – पी.आई.बी.