पिंगलीवेंकैया (PingaliVenkayya)
पिंगलीवेंकैया (PingaliVenkayya)
हाल ही में,पिंगलीवेंकैया की जयंती के अवसर पर उपराष्ट्रपति वेंकैयानायडू और केंद्रीय मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। वर्ष 2021 में पिंगलीवेंकैया की 145वीं वर्षगांठ है।
मुख्य बिंदु
- पिंगलीवेंकैया भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइन के वास्तुकार थे।
- भारत का वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज पिंगलीवेंकैया के डिजाइन से प्रेरित है।
- इस प्रकार, उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज के माध्यम से भारत को विशिष्ट पहचान दी।
राष्ट्रीय ध्वज का महत्व
- किसी भी देश की पहचान उसके अद्वितीय ध्वज, प्रतीक और गान से होती है।
- झंडा एक प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है।
- भारत का राष्ट्रीय ध्वज इसके मूल्यों और विचारों का प्रतिनिधित्व करता है।
- शीर्ष पर केसरिया रंग शक्ति और साहस का प्रतीक है, बीच में सफेद रंग शांति और सच्चाई का प्रतिनिधित्व करता है जबकि नीचे हरा रंग उर्वरता, विकास और भूमि की शुभता का प्रतीक है।
- अशोक चक्र की 24 तीलियाँ इस बात का प्रतीक हैं कि गति में ही जीवन है।
पिंगलीवेंकैया कौन हैं?
- यह एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे इनका जन्म 1876 में हुआ था। और इनका पालन-पोषण आंध्र प्रदेश में एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था। हनुमंतरायडू उनके पिता थे।
- उन्होंने मद्रास में अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की और स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिजविश्वविद्यालय चले गए। वे एक गांधीवादी, कृषक, शिक्षाविद, भाषाविद्, भूविज्ञानी और लेखक थे।
पिंगली के झंडे का डिजाइन
- इन्होने स्वराज ध्वज नामक एक ध्वज डिजाइन किया था। इसमें भारत के दो धार्मिक समुदायों- हिंदू और मुस्लिम के प्रतीक के लिए लाल और हरे रंग की पट्टियां शामिल भी थीं।
- उनके डिजाइन ने भारत और उसके लोगों को एक पहचान प्रदान की थी, और इस ध्वज ने उस समय लोगों में स्वतंत्रता की भावना को एकजुट करने में मदद की।
- उन्होंने महात्मा गांधी द्वारा सुझाए गए चरखाडिजाइन के साथ एक सफेद रंग की पट्टी भी जोड़ी।
स्रोत –द हिन्दू
[catlist]