इंडोनेशिया द्वारा पाम ऑयल निर्यात पर प्रतिबंध
हाल ही में इंडोनेशिया के पाम ऑयल प्रतिबंध ने मुद्रास्फीति संकट को बढ़ा दिया है।
इंडोनेशिया घरेलू स्तर पर खाद्य तेल की कीमतों को कम करने के लिए कुछ निर्यात परमिट निलंबित करने की योजना बना रहा है।
- इंडोनेशिया विश्व में पाम ऑयल का सबसे बड़ा उत्पादक, निर्यातक और उपभोक्ता है।
- पाम ऑयल खाद्य वनस्पति तेल है। इसे एलेस गिनेंसिस / Elaeis Guineensis (अफ्रीकी पाम ऑयल) या एलेस ओलीफेरा / Elaeis Oleifera (दक्षिण और मध्य अमेरिका मूल का) के ताड़ (palm) के फल से प्राप्त किया जाता है।
- यह विटामिन A और E से समृद्ध है। इसमें ट्रांस फैटी एसिड नहीं पाया जाता। आमतौर पर इसका इस्तेमाल खाद्य उत्पादों और औद्योगिक उपयोगों में किया जाता है ।
- यह डिटर्जेंट, लिपस्टिक, शैंपू, चॉकलेट, ब्रेड, आइसक्रीम और बायो डीजल में इस्तेमाल होता है।
- इंडोनेशिया और मलेशिया संयुक्त रूप से वैश्विक पाम ऑयल के लगभग 90% का उत्पादन करते हैं । अन्य प्रमुख पाम ऑयल उत्पादकों में थाईलैंड, कोलंबिया और नाइजीरिया शामिल हैं।
- भारत पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक है। भारत के वनस्पति तेल की खपत के लगभग 40% हिस्से की आपूर्ति पाम ऑयल से होती है।
- भारत के प्रमुख पाम ऑयल उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल हैं। पाम ऑयल के कुल उत्पादन में इनकी हिस्सेदारी लगभग 98% है।
- खाद्य तेल के लिए आयात पर निर्भरता कम करने हेतु भारत ने ‘राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – ऑयल पाम’ (NMEO-OP) की घोषणा की है।
- यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना का लक्ष्य 2025-26 तक भारत में पाम ऑयल खेती के अंतर्गत 6.5 लाख हेक्टेयर के अतिरिक्त क्षेत्र को शामिल करना है।
पाम ऑयल की खेती के लिए अनुकूल जलवायु:
- यह एक आर्द्र उष्णकटिबंधीय फसल है। इसके लिए अनुकूल तापमान 22 डिग्री सेल्सियस से 24 डिग्री सेल्सियस (न्यूनतम) और 20 डिग्री सेल्सियस से 33 डिग्री सेल्सियस (अधिकतम) है।
- इसके इष्टतम विकास के लिए प्रतिदिन 5 से 6 घंटे की उज्ज्वल धूप और 80% आर्द्रता आवश्यक है ।
- इसके लिए 2500 से 4000 मि.मी. की वार्षिक या प्रति माह 50 मि.मी. की समान रूप से वितरित वर्षा अनुकूल मानी जाती है।
स्रोत – इकोनॉमिक्स टाइम्स