देश का पहला क्वांटम कम्युनिकेशन पर आधारित भारत के पहले दूरसंचार नेटवर्क
हाल ही में क्वांटम कम्युनिकेशन पर आधारित भारत के पहले दूरसंचार नेटवर्क लिंक का परिचालन आरंभ हुआ।
- भारत में पहली बार सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) द्वारा विकसित एक अत्यधिक सुरक्षित लिंक स्थापित किया गया है। C-DOT दूरसंचार विभाग के अधीन है।
- क्वांटम कम्युनिकेशन को संचार के माध्यम के रूप में समझा जा सकता है। इसके तहत डेटा को एक जगह से दूसरी जगह तक अत्यधिक सुरक्षित रूप से भेजने के लिए क्वांटम भौतिकी के नियमों का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार यह पारंपरिक संचार प्रणालियों की तुलना में बहुत अधिक सुरक्षित है।
- की (Key) बेस्ड क्रिप्टोग्राफी के तहत डेटा और कीज़ को क्लासिकल बिट्स के रूप में भेजा जाता है। इन क्लासिकल बिट्स को इलेक्ट्रिकल या ऑप्टिकल पल्सेस के रूप में भेजा जाता है। क्लासिकल बिट्स 1 और 0 का प्रतिनिधित्व करती हैं। हालांकि, क्वांटम संचार नेटवर्क में डेटा को क्यूबिट्स के माध्यम से भेजा जाता है।
- क्यूबिट्स कण आमतौर पर सुपरपोजिशन अवस्था में प्रकाश के फोटॉन्स होते हैं। इसका अर्थ है कि ये कई अवस्थाओं में होते हैं तथा 1 और 0 के कई संयोजनों को दर्शा (Represent) सकते हैं।
- यदि इसके तहत भेजे जाने वाले डेटा को कोई हैकर हैक करने की कोशिश करता है, तो अत्यधिक संवेदनशील क्वांटम अवस्था 1 या 0 पर ‘ठहर’ (collapses) जाती है और अंततः हैक करने का प्रयास भी रिकॉर्ड हो जाता है ।
- यह गुण अत्यधिक संवेदनशील डेटा का संचार करने के लिए क्वांटम कीज़ डिस्ट्रीब्यूशन या फज्ञक नामक प्रक्रिया पर आधारित नेटवर्क बनाने में मदद करता है।
- QKD के तहत एन्क्रिप्टेड डेटा को क्लासिकल बिट्स के रूप में भेजा जाता है। इस एन्क्रिप्टेड डेटा को पढ़ने के लिए, डिक्रिप्शन कीज़ को क्यूबिट्स का उपयोग करके क्वांटम अवस्था में भेजा जाता है।
स्रोत – द हिन्दू