पश्चिम अफ्रीकी देशों का आर्थिक समूह (Economic Community of West African States – ECOWAS)
विदित हो कि अफ्रीका में माली राजनीतिक संकट की स्थिति से गुजर रहा है, ऐसे में हाल ही में पश्चिम अफ्रीकी देश माली के संकट को हल करने के लिए, पश्चिम अफ्रीकी देशों का आर्थिक समूह (Economic Community of West African States- ECOWAS) के द्वारा प्रयास किया जा रहा है।
‘माली’ संकट
- वर्ष 1960 में माली फ्रांस से स्वतंत्रत देश बन गया था, लेकिन तब से लेकर अब तक माली में 5 बार तख्तापलट हो चुका है। यहाँ केवल एक बार लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति से दूसरे राष्ट्रपति के लिए शांतिपूर्ण रूप से सत्ता हस्ताअंतरण हुआ है।
- माली में कुछ महीने पहले, बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों हुए जिनके परिणामस्वरूप, राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता (Ibrahim Boubacar Keïta) को सत्ता से हटा दिया गया ।
- हाल ही में माली में एक नए मंत्रिमंडल की भी घोषणा की गई थी, जिसमें दो प्रमुख सैन्य नेताओं को सम्मिलित नहीं किया गया था। इसके पश्चात सेना ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को हिरासत में ले लिया है।
ECOWAS के बारे में:
- यह पश्चिम अफ्रीका में स्थित 15 देशों का एक क्षेत्रीय राजनीतिक और आर्थिक संघ है, जिसे वर्ष 1975 में लागोस की संधि पर हस्ताक्षर करने के साथ स्थापित किया गया था।
- इस संगठन का मुख्य लक्ष्य, एक पूर्ण आर्थिक एवं व्यापारिक संघ का निर्माण करना एवं विस्तृत व्यापार समूह बनाना तथा अपने सदस्य देशो के लिए “सामूहिक आत्मनिर्भरता” (collective self-sufficiency) प्राप्त करना है।
- ECOWAS इस क्षेत्र में एक ‘शांति-सेना’ (Peacekeeping Force) के रूप में भी कार्य करता है। ‘अफ्रीकी आर्थिक समूह’ (African Economic Community– AEC) संपूर्ण महाद्वीप को शामिल करता है। ECOWAS को ‘अफ्रीकी आर्थिक समूह’ के क्षेत्रीय समूहों में से एक माना जाता है।
- ECOWAS में दो उप-क्षेत्रीय ब्लॉक शामिल हैं, जिनमे पहला ‘पश्चिम अफ्रीकी आर्थिक और मौद्रिक संघ’ (West African Economic and Monetary Union) है, यह मुख्य रूप से, 8 फ्रेंच भाषी देशों का एक संगठन है एवं दूसरा वर्ष 2000 में स्थापित ‘पश्चिम अफ्रीकी मौद्रिक क्षेत्र’ (West African Monetary Zone- WAMZ) है, इसमें मुख्यतः अंग्रेजी बोलने वाले 6 देश शामिल हैं।
स्रोत – द हिन्दू