केंद्र सरकार ने पशुधन विधेयक का मसौदा वापस लिया
हाल ही में सरकार ने पशु अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को देखते हुए ड्राफ्ट “पशुधन और पशुधन उत्पाद (आयात एवं निर्यात) विधेयक, 2023” को वापस ले लिया है ।
- ऐसे में, पशुधन को विनियमित करने वाले मौजूदा पशुधन आयात अधिनियम, 1898 तथा पशुधन आयात (संशोधन) अधिनियम, 2001 लागू रहेंगे।
पशुधन आयात अधिनियम, 1898 की विशेषताएं:
- इस कानून के तहत केंद्र सरकार को ऐसे किसी भी पशुधन के आयात को विनियमित, सीमित या प्रतिबंधित करने का अधिकार है, जो संक्रमण फैला सकता है।
- इस संबंध में सरकार के आदेश को लागू करने की शक्ति सीमा शुल्क अधिकारियों को सौंपी गई है।
- राज्य सरकारें भी अपने अधिकार क्षेत्र में आयातित पशुधन के संबंध में नियम बना सकती हैं ।
- इस अधिनियम को अंतिम बार 2001 में संशोधित किया गया था। संशोधन द्वारा पशुधन उत्पादों की परिभाषा को बदल दिया गया था। साथ ही, इसमें सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के प्रावधानों को भी शामिल किया गया था।
1898 के अधिनियम की जगह नए कानून की आवश्यकता क्यों है ?
- वर्ष 1898 का कानून पशुधन के केवल आयात को विनियमित करता है । इसमें निर्यात से संबंधित प्रावधान शामिल नहीं हैं।
- इसमें पशुधन और पशुधन उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन देने तथा विकास करने से संबंधित प्रावधान करने की शक्ति का उल्लेख नहीं है ।
- इसमें पशुधन की सीमित परिभाषा दी गई है। इसकी परिभाषा के दायरे में विडालवंशी पशु (Feline) और श्वान (कुत्ता) प्रजातीय पशु (Canine) शामिल नहीं हैं ।
- किसी संक्रामक पशुधन के आयात और निर्यात से फैलने वाली जूनोटिक (पशुजन्य ) बीमारियों पर अंकुश लगाने के लिए इस कानून को बदलना आवश्यक है।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस