केंद्र सरकार द्वारा पशुधन पैकेज को स्वीकृति प्रदान की गई
हाल ही में, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पशुपालन और डेयरी विभाग की योजनाओं को संशोधित एवं सुव्यवस्थित करने के लिए विशेष पशुधन पैकेज को स्वीकृति प्रदान की है।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पशुपालन और डेयरी विभाग की सभी योजनाओं या कार्यक्रमों को तीन शीर्षकों के तहत सुव्यवस्थित किया है:
- विकास कार्यक्रमः इसमें राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD), राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) और पशुधन गणना एवं एकीकृत नमूना सर्वेक्षण (LC&ISS) उप-योजनाओं के रूप में शामिल होंगे।
- रोग नियंत्रण कार्यक्रम का नाम बदलकर पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP) कर दिया गया है। इसमें मौजूदा पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण तो है ही,साथ ही राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम को भी शामिल किया गया है।
- अवसंरचना विकास कोषः इसके तहत पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (AHIDP और डेयरीअवसंरचना विकास कोष (DIDP) को समाविष्ट किया गया है। डेयरी गतिविधियों में संलग्न डेयरी सहकारिता और किसान उत्पादक संगठनों कोभी इस तीसरी श्रेणी में शामिल कर लिया गया है।
- केंद्र सरकार वर्ष 2021-22 से आगामी पांच वर्षों के लिए 9800 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने के लिये प्रतिबद्ध है, जो इन योजनाओं पर व्यय की जाएगी। इससे पशुपालनक्षेत्र में 54,618 करोड़ रुपये का कुल निवेश जुटाने में सहायता प्राप्त होगी। इसमें राज्य सरकारों, राज्य सहकारिताओं, वित्तीय संस्थानों, बाहरी वित्तीय एजेंसियों और अन्य हितधारकों के निवेश शामिल हैं। इसका उद्देश्य निवेश एवं बुनियादी ढांचे में वृद्धि के माध्यम से पशुधन उत्पादकता और संरक्षण को बढ़ाना है।
पशुधन क्षेत्र का महत्व:
- भारत में अधिकांश किसान अपनी आजीविका के लिए पशुपालन पर निर्भर हैं। भारत में पशुधन क्षेत्र लगभग 55 प्रतिशत ग्रामीण आबादी की आजीविका में सहयोग करता है।साथ ही, भारत में पशुओं की संख्या सम्पूर्ण विश्व में सर्वाधिक है।
- 20 वीं पशुधन गणना के अनुसार, देश में पशुधन की कुल संख्या 78 मिलियन है, जो वर्ष 2012 की पशुधन गणना-की तुलना में 4.6 प्रतिशत अधिक है।
स्रोत – पी आई बी