पर्यावरण उल्लंघनों के लिए नवीन ‘मानक संचालन प्रक्रियाएं’ जारी
हाल ही में, केंद्र सरकार ने पर्यावरण उल्लंघनों के लिए नवीन मानक संचालन प्रक्रियाएं (Standard Operating Procedure- SOP) जारी की हैं।
पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) राष्ट्रीय हरित अधिकरण NGT) के आदेशों का परिणाम है।
ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Tribunal -NGT)ने इस वर्ष की शुरुआत में मंत्रालय को हरित उल्लंघनों के लिए दंड आरोपित करने और एक SOP जारी करने का निर्देश दिया था।
नए मानदंड:
उल्लंघन के मामलों की पहचान और उनकी रिपोटिंगः केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण निकाय उल्लंघन के मामलों की पहचान करेंगी। इसमें जनता से प्राप्त हुए मामले भी शामिल होंगे। साथ ही, उन संस्थाओं को संचालन की सहमति (Consent to Operate: CTO) जारी नहीं की जाएगी या उसे नवीनीकृत नहीं किया जाएगा, जिनके पास पूर्व पर्यावरण स्वीकृति (EC) नहीं है।
- चिंतनीय विषयः इस बारे में अस्पष्टता है कि शिकायतें किस प्रकार की जानी हैं और उनका निपटान किस प्रकार किया जाएगा।
उल्लंघन के मामलों से निपटनाः उल्लंघन करने वाली परियोजनाओं पर उनकी पर्यावरण मंजूरी (प्राप्त नहीं किया गया है, परियोजना EC प्राप्त किए बिना विस्तार से गुजर चुकी है, ऐसी परियोजनाएं जिन्हें पहले EC की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन अब है) की स्थिति के आधार पर, की जाने वाली कार्रवाई को परिभाषित किया गया है।
- चिंतनीय विषयः इन पर की गई कार्रवाइयां (जैसे बंद करना या उत्पादन पर सीमाए) अस्थायी प्रकृतिकी होती हैं। तात्पर्य यह है कि परियोजनाओं को आवश्यक पर्यावरण मंजूरी मिलने के उपरांत कार्रवाईसमाप्त हो जाती है।
मामलों का उल्लंघन करने पर दंड
- चिंतनीय विषयःयदि प्रस्तावक स्वतः संज्ञान से उल्लंघन की रिपोर्ट करता है तो दंड आधा कर दिया जाएगा। यह प्रदूषक द्वारा भुगतान मानदंड के आधार पर उल्लंघन को बना सकता है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के बारे में
यह राष्ट्रीय हरित अधिकरणअधिनियम (2010) के तहत स्थापित विशेष निकाय है । यह पर्यावरण संरक्षण तथा वनोंऔर अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी एवं शीघ्र निपटान के लिए अधिदेशित हैं।
स्रोत – पी आई बी