भारत का पहला राष्ट्रीय शिक्षा मूल्यांकन विनियामक, परख / PARAKH अधिसूचित

भारत का पहला राष्ट्रीय शिक्षा मूल्यांकन विनियामक, परख / PARAKH अधिसूचित

हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने भारत के पहले राष्ट्रीय मूल्यांकन विनियामक,‘परख / PARAKH’को अधिसूचित किया है।

PARAKH के बारे में

  • परख का फुल फार्म (Performance Assessment, Review, and Analysis of Knowledge for Holistic Development -PARAKH) है।
  • PARAKH देश में सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्डों के लिए छात्र आकलन और मूल्यांकन के लिए मानदंड, मानक और दिशानिर्देश निर्धारित करने पर काम करेगा।
  • इस नई पहल के माध्यम से NCERT का लक्ष्य विभिन्न बोर्डों में नामांकित छात्रों के स्कोर में असमानताओं को दूर करने में मदद करने के लिए सभी बोर्डों के लिए मूल्यांकन दिशानिर्देश स्थापित करना है।
  • एक केंद्र के रूप में परख तत्काल प्रभाव से NCERT के शिक्षा सर्वेक्षण प्रभाग के भीतर स्थापित किया गया है।
  • PARAKH को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के कार्यान्वयन के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया है ।
  • जिसमें नए मूल्यांकन पैटर्न और नवीनतम शोध के बारे में स्कूल बोर्डों को सलाह देने और उनके बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मानक सेटिंग निकाय की परिकल्पना की गई है।
  • प्रारंभ में, NCERT, नई दिल्ली का शैक्षिक सर्वेक्षण प्रभाग, PARAKH के रूप में कार्य करेगा और इससे रणनीतिक विस्तार चरणबद्ध तरीके से हो सकता है।

PARAKH तीन प्रमुख मूल्यांकन क्षेत्रों पर काम करेगा: व्यापक मूल्यांकन, स्कूल-आधारित मूल्यांकन और परीक्षा सुधार।

PARAKH आकलन और मूल्यांकन के क्षेत्र में काम कर रहे राज्य शिक्षा निदेशालयों, राज्य शिक्षा बोर्डों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर काम करेगा।

PARAKH राष्ट्रीय लब्धि सर्वेक्षण (National Achievement Survey: NAS) सहित बड़े पैमाने पर आकलन करने के लिए भी जिम्मेदार होगा।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020

  • नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को पूर्व इसरो (ISRO) प्रमुख डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में बनी एक समिति की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया गया है।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020′ वर्ष 1968 और वर्ष 1986 के बाद स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीतिहै
  • नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के तहत केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से शिक्षा क्षेत्र पर देश की जीडीपी के 6% हिस्से के बराबर निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
  • नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत वर्ष 2030 तक सकल नामांकन अनुपात (Gross Eurolment Ratio-GER) को 100% लाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • नई शिक्षा नीति की घोषणा के साथ ही मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय का नाम परिवर्तित कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।

स्रोत – हिन्दुस्तान टाइम्स

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