पटना में खुलेगा ‘राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र’ (NDRC)
पटना में खुलेगा ‘राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र’ (NDRC)
विदित हो कि पटना में भारत के प्रथम ‘राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र’ (NDRC) पर निर्माण कार्य मानसून के उपरांत आरंभ होगा ।
यह केंद्र गंगा के तट पर पटना विश्वविद्यालय के परिसर में 4,400 वर्ग मीटर भूखंड पर अवस्थित होगा। यह नदी डॉल्फिन के संरक्षण के प्रयासों का संवर्धन करेगा और उन पर गहन शोध का अवसर प्रदान करेगा।
बिहार में ही विक्रमशिला में भारत का प्रथम गंगा डॉल्फिन अभयारण्य भी है।
गंगा नदी डॉल्फिनके बारे में
- गंगा नदी डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीयजीव घोषित किया गया है। यह वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची ‘1’ में सूचीबद्ध है। IUCN ने इसे एक संकटग्रस्त (Endangered) प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया है।
- गंगा डॉल्फिन विश्व की चार मीठे जल की डॉल्फिन प्रजातियों में से एक है। अन्य तीन चीन में यांग्त्वी नदी, पाकिस्तान में सिंधु नदी और दक्षिण अमेरिका में अमेजन नदी में पाई जाती है।
- यह भारत, बांग्लादेश और नेपाल में पाई जाती है। बिहार में देश की अनुमानित डॉल्फिन आबादी का लगभग आधा हिस्सा पाया जाता है।
- यह दृष्टिहीन होती है तथा यह इकोलोकेशन के माध्यम से नदी के जल में अपना मार्ग खोजती है और शिकार करती है। यह ऐसे क्षेत्र में रहती है जहां धारा में अत्यल्प या कोई वेग नहीं होता है, जिससे उन्हें उर्जा बचाने में मदद मिलती है।
- गंगा नदी डॉल्फिन को प्रत्यक्ष शिकार, बांघों और बैराजों द्वारा पर्यावास सति तथा अविवेकी मत्स्वन के कारण अस्तित्व संबंधी खतरों का सामना करना पड़ रहा है।
स्रोत:द हिन्दू
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