भारत के पक्षियों की स्थिति, 2023 रिपोर्ट जारी
हाल ही में भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) और भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) ने ‘भारत के पक्षियों की स्थिति, 2023’ शीर्षक से रिपोर्ट जारी की है।
यह रिपोर्ट भारत की प्रमुख पक्षी प्रजातियों के वितरण क्षेत्र, उनकी आबादी के रुझान और संरक्षण की स्थिति पर एक आवधिक मूल्यांकन है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
- व्यावसायिक मोनोकल्चर बागवानी, शहरीकरण, अवसंरचना विकास, जलवायु परिवर्तन आदि के कारण पक्षी प्रजातियों की संख्या कम हो गई है ।
- लंबी दूरी के प्रवासी पक्षियों में सर्वाधिक 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।
- आर्कटिक में प्रजनन करने वाले तटीय पक्षी ( Shorebirds ) विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं । इनकी संख्या में लगभग 80 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
- भारतीय मोर, रॉक पिजन, एशियाई कोयल और सामान्य कौए जैसी कई पक्षी प्रजातियों की संख्या में वृद्धि दिखाई दे रही है।
प्रमुख पक्षी एवं उनके पर्यावास क्षेत्र
एंडेंजर्ड –
- इंडियन स्कीमर: चंबल, गंगा, महानदी, यमुना और सोन नदियों के आसपास के क्षेत्र में पाए जाते हैं।
- ब्लैक-बेलिड टर्न: चंबल, महानदी, गंगा, सोन, गोदावरी और यमुना नदियों के आसपास के क्षेत्र में पाए जाते हैं।
क्रिटिकली एंडेंजर्ड-
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड : राजस्थान, गुजरात आदि।
- बंगाल फ्लोरिकनः हिमालय की तराई, उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत (असम व अरुणाचल प्रदेश) की घास भूमियों में पाए जाते हैं।
- बेयर्स पोचार्ड: असम और मणिपुर की आर्द्रभूमियों में पाए जाते हैं।
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI)
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI ) की स्थापना 1916 में की गई थी। इसे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के अधीन देश की पशु विविधता का पता लगाने के लिए स्थापित किया गया था।
भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India–WII)
- ‘भारतीय वन्यजीव संस्थान’ MoEFCC के तहत एक स्वायत्त प्राकृतिक संसाधन सेवा संस्थान के रूप में 1982 में स्थापित है जो देहरादून (उत्तराखंड) में स्थित है ।
- कार्य: यह जैव विविधता, एंडेंजर्ड प्रजातियों आदि के संदर्भ में वन्यजीव अनुसंधान का संचालन करता है।
- WII सोसाइटी के अध्यक्ष: MoEFCC का प्रभारी मंत्री ।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस