न्यू ग्लोबल फाइनेंशियल पैक्ट
हाल ही में “न्यू ग्लोबल फाइनेंशियल पैक्ट” पर पेरिस वित्त सम्मेलन शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ है।
इस शिखर सम्मेलन के निम्नलिखित उद्देश्य थे:
- कम आय वाले देशों को संकट के समय वित्त उपलब्ध कराने की व्यवस्था को मजबूत करना और उनके ऋण बोझ को कम करना ।
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्थापित वित्तीय संस्थाओं में सुधार करना और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए धन उपलब्ध कराना ।
शिखर सम्मेलन में की गई मुख्य घोषणाएं:
- उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए बहु -विकास बैंकों (MDBs) से 200 बिलियन डॉलर अतिरिक्त ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी।
- विश्व बैंक ने ऋण समझौतों से संबंधित आपदा खंडों की घोषणा की है। इनके तहत चरम मौसमी घटनाओं की स्थिति में ऋण के पुनर्भुगतान को निलंबित कर दिया जाएगा।
- SDR (विशेष आहरण अधिकार) के माध्यम से निर्धन देशों को 100 बिलियन डॉलर का वित्त पोषण प्रदान किया जाएगा । SDR अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की अंतर्राष्ट्रीय आरक्षित परिसंपत्ति है।
- धनी देशों से निर्धन देशों में SDR के पुनर्निवेश का प्रस्ताव किया गया है। इससे विकासशील देशों को रियायती वित्त उपलब्ध कराया जा सकेगा ।
- सेनेगल के लिए नए 5 बिलियन यूरो जस्ट एनर्जी ट्रांज़िशन पार्टनरशिप (JETP) समझौते की घोषणा की गई है। इसका उद्देश्य एनर्जी मिक्स में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है।
- प्रदूषणकर्ताओं को कर के दायरे में लाने में तेजी आई है। प्रदूषण कर (Pollution tax) उन व्यक्तियों पर लगाया जाने वाला कर है जो पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं।
- ऋण, प्रकृति और जलवायु पर एक वैश्विक विशेषज्ञ समीक्षा का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। इसे निम्न और मध्यम आय वाले देशों की क्षमता पर ऋण के प्रभाव का आकलन करने के लिए प्रस्तावित किया गया है।
- यूरोपीय संघ ने पेरिस एलाइंड कार्बन मार्केट्स पर कॉल टू एक्शन जारी किया। इसका उद्देश्य कम से कम 60 प्रतिशत वैश्विक उत्सर्जन को कार्बन मूल्य निर्धारण तंत्र के दायरे में लाना है।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस