कृषि उपज का गारंटीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्ति अधिकार विधेयक 2021
हाल ही में किसानों का कृषि उपज का गारंटीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्ति अधिकार विधेयक 2021 जारी किया गया है।
यह विधेयक हाल ही में एक गैर-सरकारी सदस्य (संसद सदस्य, जो मंत्री नहीं है) द्वारा प्रस्तावित किया गया है।
इसमें निम्नलिखित प्रमुख प्रावधान किये गए हैं-
- एक फसल के उत्पादन की समग्र लागत पर किसानों के लिए 50% सुनिश्चित रिटर्न देना।
- किसानों को MSP से कम कीमत पर उपज बेचने के लिए विवश होने पर मुआवजा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के कोष का प्रावधान किया जाएगा।
- MSP की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करने हेतु अलग विभाग का निर्माण किया जाएगा और अनुपालन न करने वाले व्यापारियों के लिए कारावास के दंड का प्रावधान किया गया है।
- वर्तमान में, MSP, 22 कृषि मदों तथा गन्ने (उचित और लाभकारी मूल्य) पर उपलब्ध है, जैसा कि कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) द्वारा घोषित किया जाता है।
गैर-सरकारी सदस्य विधेयक के बारे में –
- गैर-सरकारी सदस्यों द्वारा प्रस्तुत विधेयकों को प्राइवेट मेंबर बिल के रूप में संदर्भित किया जाता है।
- गैर-सरकारी विधेयक को स्वीकार किया जाना है या नहीं इसका निर्णय लोकसभा के अध्यक्ष या राज्य सभा के सभापति द्वारा किया जाता है।
- जो सांसद, प्राइवेटमेंबर बिल प्रस्तुत करना चाहते हैं, उन्हें कम से कम एक महीने का नोटिस देना होगा। केवल शुक्रवार को ही इसे प्रस्तुत किया जाता है और इस पर चर्चा की जाती है। गैर-सरकारी सदस्यों द्वारा प्रति सत्र केवल 3 विधेयक प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
- पी.आर.एस. लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार, वर्ष 1970 के बाद से संसद द्वारा कोई भी प्राइवेट मेंबर बिल पारित नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त, संसद ने अब तक 14 ऐसे विधेयकों को पारित किया है।
स्रोत – द हिन्दू