नेशनल कार्बन रजिस्ट्री (National Carbon Registry)
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने नेशनल कार्बन रजिस्ट्री (National Carbon Registry) नामक सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है।
यह सॉफ्टवेयर देशों को कार्बन क्रेडिट्स के व्यापार के लिए राष्ट्रीय डेटा और प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में सक्षम बनाएगा ।
मुख्य बिंदु:
- नेशनल कार्बन रजिस्ट्री (National Carbon Registry) नामक सॉफ्टवेयर को हाल ही में डिजिटल पब्लिक गुड्स (DPG) के रूप में मान्यता दी गई है।
- DPG के रूप में, रजिस्ट्री ओपन सोर्स कोड का उपयोग करती है, जो देशों को अपनी आवश्यकताओं और संदर्भों के अनुरूप जानकारी को दोहराने और अनुकूलित करने की अनुमति देती है।
- रजिस्ट्री के मॉड्यूल, सॉफ्टवेयर और तकनीकी डॉक्यूमेंट का पुन: उपयोग किया जा सकता है और देशों द्वारा तैयार किया जा सकता है, जो संभावित रूप से उत्पादन लागत और कार्यान्वयन समयसीमा को कम कर सकता है।
- साथ ही, इसे अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय माप, रिपोर्टिंग और सत्यापन (MRV) तंत्र के साथ एकीकृत किया जा सकता है। यह रजिस्ट्री कार्बन क्रेडिट्स के व्यापार को सुगम बनाकर कार्बन बाजार के विकास को बढ़ावा देगी।
- पेरिस समझौते का अनुच्छेद-6 देशों को अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDCs) में तय किए गए उत्सर्जन कटौती के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्वेच्छा से एक दूसरे के साथ सहयोग करने की अनुमति देता है।
- कार्बन बाजार ऐसी व्यापारिक प्रणालियां स्थापित करता है, जहां कार्बन क्रेडिट्स या भत्ते( allowances) खरीदे और बेचे जाते हैं। कंपनियां या व्यक्ति अपने ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन की भरपाई के लिए कार्बन बाजारों का उपयोग कर सकते हैं। वे ऐसा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को हटाने या कम करने वाली संस्थाओं से कार्बन क्रेडिट की खरीद करके कर सकते हैं।
- एक कार्बन क्रेडिट एक प्रकार का व्यापार योग्य परमिट है। यह वायुमंडल से हटाए गए, कम किए गए या अलग करके संचित किए गए एक टन कार्बन डाइऑक्साइड या या किसी अन्य ग्रीन हाउस गैस के बराबर होता है । कार्बन ट्रेडिंग की शुरुआत 1997 में क्योटो प्रोटोकॉल द्वारा की गई थी ।
- भारत में विद्युत मंत्रालय ने कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना (CCTS), 2023 को अधिसूचित किया है। यह भारतीय कार्बन बाजार (ICM) के संस्थानीकरण और कार्य संचालन पर लक्षित है।
स्रोत – यू.एन.डी.पी.