नेपच्यून गेंद
- हाल ही में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि तटीय क्षेत्रों में जल के अन्दर की समुद्री घास प्लास्टिक प्रदूषण को जकड़ कर रेशों के प्राकृतिक पुलिंदे (natural bundles) बना लेती है, जिन्हें नेपच्यून गेंद (Neptune balls) कहा जाता है।
- साइंटिफिक रिपोर्ट्स नामक एक पत्रिका में प्रतिवेदित एक अध्ययन के अनुसार छिछले समुद्र तल में लगे पौधे बिना मानव की सहायता लिए अकेले भूमध्यसागर में ही प्रतिवर्ष 900 मिलियन प्लास्टिक वस्तुएँ छिछले समुद्रतल में लगे पौधे जमा कर लेते हैं।
शोध अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष:
- यह शोध बार्सिलोना विश्वविद्यालय में जीवविज्ञानियों द्वारा भूमध्यसागर के क्षेत्र में किया गया है।
- साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि इंसानों की मदद के बिना ही हर साल अकेले भूमध्यसागर में लगभग 900मिलियन प्लास्टिक की वस्तुओं को इकट्ठा किया जाता है।
- प्लास्टिक का यह मलबा समुद्री घास के अवशेषों में फंसकर समुद्रतट में पहुंचता है।
- समुद्री घास प्राकृतिक रूप से प्लास्टिक मलबे को समुद्र से बाहर के निकाल कर निरंतर शुद्धिकरण का प्रतिनिधित्व करती है.
समुद्री घास:
- समुद्री घास समुद्र तथा महासागरों में पानी के अंदर पाई जाने वाली घास है। समुद्री घास फूल वाले समुद्री पौधे होते हैं, जो सागरीय परिस्थितियों के प्रति अनुकूलित होते हैं।
- समुद्री घास सूरज की रोशनी से ऊर्जा लेते हैं और समुद्री पानी से पौष्टिक तत्व और कार्बन डाईऑक्साइड प्राप्त करते हैं। वैज्ञानिक सलाह देते हैं कि समुद्री घास जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मददगार साबित हो सकते हैं और कार्बन उत्सर्जन की भरपाई भी कर सकते हैं।
समुद्री घास का उपयोग:
समुद्री घास की खेती का एक बड़ा हिस्सा खाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है, लेकिन इसके अर्क का इस्तेमाल कई तरह की चीजों में किया जाता है- चाहे वो टूथपेस्ट हो, कॉस्मेटिक हो, दवाइयां हो या फिर पालतू जानवरों के खाने मे।
इन सभी में हाइड्रोकोलॉयड्स होता है जोकि समुद्री घास से ही आता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल अब टेक्सटाइल्स और प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर, वॉटर कैप्सूल बनाने में और ड्रिंकिंग स्ट्रॉ के तौर पर भी किया जा रहा है। समुद्री घास का उत्पादन इस समय अपने चरम पर है।
Source – The Hindu