तमिलनाडु ने लॉन्च की भारत की पहली नीलगिरि तहर परियोजना

तमिलनाडु ने लॉन्च की भारत की पहली नीलगिरि तहर परियोजना

  • हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने 14 करोड़ रुपये की लागत वाली ‘नीलगिरि तहर परियोजना’ (Project Nilgiri Tahr) को आरंभ किया है। नीलगिरि तहर के संरक्षण के लिए यह भारत की पहली परियोजना है।
  • विदित हो कि नीलगिरि तहर तमिलनाडु सरकार का राजकीय पशु है। सरकार ने इसके हैबिटेट के विस्तार और जनता के बीच जागरूकता फैलाने के लिए ‘प्रोजेक्ट नीलगिरि तहर’ को लागू करने का फैसला 2022-2023 के तमिलनाडु बजट में किया था ।

उद्देश्य

  • नीलगिरि तहर परियोजना का उद्देश्य नीलगिरी तहर के मूल आवास को पुनर्स्थापित करना है । विशेष रूप से ‘शोला घास के मैदान’जो इसके अनुकूल है, को फिर से प्राप्त करना है
  • इस परियोजना में नौ घटक होंगे, जिसमें संभाग भर में द्वि-वार्षिक समकालिक सर्वेक्षण, प्रभावित पशुओं के लिए निदान और उपचार, और ऊपरी भवानी में शोला चरागाह बहाली पायलट योजना शामिल हैं।
  • विश्व वन्य जीव कोष के अनुसार भारत में माउंटेन अंग्युलेट (mountain ungulate) की 12 प्रजातियां प्राप्त होती हैं और नीलगिरी तहर दक्षिणी भारत का एकमात्र माउंटेन अंग्युलेट है। इसकी आबादी 3,122 आंकी गई है।

नीलगिरि तहर

  • दो हजार साल पुराने तमिल संगम साहित्य में नीलगिरि तहर के कई संदर्भ हैं।
  • संगम काल के पाँच महान महाकाव्यों में से दो, सिलप्पाटिकाराम और सेवागा सिंतामणि में नीलगिरि तहर और उसके आवास का वर्णन शामिल है।
  • इसके अलावा, संगम काल के बाद के साहित्य जैसे पतिनेकीकक्कु नीलगिरि तहर का उल्लेख है।
  • नीलगिरि तहर पश्चिमी घाट में मुख्य रूप से निवास करता है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसे क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है । इसकी अविश्वसनीय जैव-विविधता पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है।
  • पश्चिमी घाट की यह स्थानिक प्रजाति संकटापन्न प्रजातियों की IUCN लाल सूची में एंडेंजर्ड के रूप में सूचीबद्ध है और भारत के वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1 के तहत संरक्षित है।

स्रोत – द हिन्दू

Download Our App

More Current Affairs

Share with Your Friends

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

Related Articles

Youth Destination Facilities

Enroll Now For UPSC Course