नीलगाय की बढ़ती आबादी
नीलगाय की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के लिए बिहार सरकार द्वारा इनके बंध्याकरण की योजना बनाई गयी है।
इससे पहले वर्ष 2015 में, केंद्र ने बिहार में नीलगाय जैसे वन्य जीवों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (WPA), 1972 के तहत “पीड़क” (vermin) घोषित करके उनका वध करने की मंजूरी दी थी।
WPA के अनुसार, राज्य वन्य जीवों की एक सूची केंद्र को भेज सकते हैं, जिसमें अनुरोध किया जा सकता है कि उनके चुनिंदा वध के लिए उन्हें पीड़क घोषित किया जाए।
केंद्र सरकार WPA की अनुसूची-1 और अनुसूची-II के भाग 11 में निर्दिष्ट जानवरों के अलावा, किसी भी वन्य जीव को पीड़क घोषित कर सकती है।
ऐसे वन्य जीवों को अनुसूची में शामिल किया गया है, जो उन्हें निर्धारित समय के लिए WPA के तहत किसी भी सुरक्षा से वंचित करती है।
स्रोत – द हिन्दू