हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने “निवेशक चार्टर” का अनावरण किया है।
चार्टर का उद्देश्य निवेशकों को निवेश से जुड़े संभावित जोखिमों को समझने तथा निष्पक्ष, पारदर्शी और सुरक्षित बाजार में निवेश करने में सक्षम बनाकर उनके हितों की रक्षा करना।
- बजट 2021 में निवेशकों को सभी प्रकार के वित्तीय उत्पादों की दुर्भावनापूर्ण बिक्री से बचाने के उद्देश्य से निवेशक चार्टर का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था।
- यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वित्त वर्ष 2021 में खुदरा निवेशकों की कुल संख्या में 14.2 मिलियन की वृद्धि हुई है।
- चार्टर निवेशकों के अधिकारों और उत्तरदायित्वों की रूपरेखा तैयार करता है।
अधिकारों में शामिल हैं-
- निष्पक्ष और न्यायसंगत समाधान प्राप्त करना।
- सेबी कंप्लेंट रेड्रेस सिस्टम (स्कोर्स /SCORES) पोर्टल में दर्ज निवेशकों की शिकायतों का समय पर समाधान करना।
स्कोर्स एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है : इसे निवेशकों को सूचीबद्ध कंपनियों और बिचौलियों के विरुद्ध सेबी में अपनी शिकायतें दर्ज कराने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
निवेशकों के उत्तरदायित्व
- सेबी से मान्यता प्राप्त संस्थानों और सेबी में पंजीकृत या विनियमित संस्थाओं के साथ ही संव्यवहार/लेन-देन करना।
- किसी भी बदलाव के मामले में उनके संपर्क विवरण (Contact details) को अपडेट करना।
- यह सुनिश्चित करना कि शिकायतों को निर्धारित समय सीमा के भीतर दर्ज किया जाए।
- उनके खाते केवल उनके लाभ के लिए संचालित किए जाते हैं। जनवरी 2022 से सभी सेबी विनियमित संस्थाओं को अपनी संबंधित वेबसाइटों पर प्रत्येक शिकायत के समाधान में लगने वाले औसत समय का प्रकटीकरण करना होगा।
स्रोत – द हिन्दू