वित्त वर्ष 2021 में निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility: CSR) के अंतर्गत व्यय में 3% की वृद्धि दर्ज की गई है ।
क्रेडिट रेटिंग इन्फॉर्मेशन सर्विसेज ऑफ इंडिया लिमिटेड (क्रिसिल/CRISIL) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2021 में निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के अंतर्गत किया जाने वाला व्यय 3.62 प्रतिशत बढ़कर 22,000 करोड़ रुपये हो गया है।
निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के बारे में
- CSR से तात्पर्य व्यवसायों द्वारा अपने व्यावसायिक कार्यों में सामाजिक और पर्यावरणीय चिंताओं को समेकित करने की प्रतिबद्धता को समाविष्ट करना है।
- भारत, प्रथम देश बन गया है जिसने अपने नए कंपनी अधिनियम 2013 के तहत CSR गतिविधियों को आरंभ करने और CSR पहलों की अनिवार्य रूप से रिपोर्ट प्रस्तुत करने को विधिक उत्तरदायित्व घोषित किया है।
कंपनियां (निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व नीति) संशोधन नियम, 2021
- नकारात्मक सची अर्थात व्यवसाय की सामान्य प्रक्रिया के तहत की जाने वाली गतिविधियों, राजनीतिक योगदान आदि को CSR की परिभाषा में शामिल नहीं किया जाएगा।
- वित्तीय वर्ष के अंत में अव्ययित CSR राशि का प्रबंधन इस तथ्य पर निर्भर करता है कि परियोजना एक संचालनरत परियोजना है या नहीं।
- बोर्ड यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि वितरित निधिका उपयोग अनुमत उद्देश्यों के लिए किया गया है। साथ ही, वह संचालनरतपरियोजनाओं के कार्यान्वयन (निधि आवंटनऔर समय सीमा) की निगरानी भी करेगा।
- कंपनियों द्वारा CSR परियोजनाओं के लिए अनिवार्य रूप से प्रभाव मूल्यांकन करना अनिवार्य है।
CSR प्रयोज्यता
किसी वित्तीय वर्ष के दौरान 500 करोड़ रुपये या अधिक के शुद्ध मूल्य वाली या 1000 करोड़ रूपये या अधिक के आवर्त (टर्नओवर) वाली या 5 करोड़ रुपये या अधिक के शुद्ध लाभ वाली कंपनी हेतु अनिवार्य है। कंपनी प्रत्येक वित्तीय वर्ष में ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्तीय वर्षों के दौरान किए गए कंपनी के औसत शुद्ध लाभों का कम से कम 2 प्रतिशत निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व नीति के अनुसरण में व्यय करेगी।
स्रोत –द हिन्दू