नामीबिया आठ चीतों को भारत लाया गया

नामीबिया आठ चीतों को भारत लाया गया

हाल ही में अफ्रीका से चीतों को भारत में सफलतापूर्वक लाया गया है।

नामीबिया से पांच मादा और तीन नर चीतों को भारत लाया गया है। इन चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (KNP) में रखा गया है।8 cheetahs arrive to India from Namibia as part of reintroduction project

KNP तेंदुए और शेर जैसी अन्य बिल्लियों का पर्यावास रहा है। इस वजह से चीतों की उत्तरजीविता के लिए यहां प्रचुर मात्रा में शिकार और घास के मैदान हैं।

यह पहली बार है जब एक बड़े मांसाहारी को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में ले जाया जा रहा है और वन्य परिवेश में फिर से छोड़ा गया है।  वर्ष 1952 में भारत सरकार ने चीते को आधिकारिक तौर पर विलुप्त घोषित कर दिया था।

चीता के बारे में

  • यह वन्य जीवों और वनस्पतियों की संकटापन्न प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिमस्य (CITES) के परिशिष्ट- I में शामिल है।
  • IUCN लाल सूची स्थितिः अफ्रीकी चीता-वल्नरेबल और एशियाई चीता-क्रिटिकली एंडेंजर्ड।
  • यह आजादी के बाद से देश में विलुप्त होने वाला एकमात्र बड़ा स्तनपाई जीव है ।

भारत में चीतों का पर्यावास

तीन संभावित वन्यजीव अभयारण्य, जो चीते की आबादी को आश्रय प्रदान कर सकते हैं।

  • कूनो-पालपुर : क्षेत्रफलः 344. 686 वर्ग किलोमीटर। काठियावाड़-गिर के शुष्क पर्णपाती वनों का भाग।
  • शाहगढ़ : क्षेत्रफलः लगभग 4,000 वर्ग किलोमीटर। भारत-पाकिस्तान सीमा पर बाड़ युक्त क्षेत्र।
  • नौरादेही : क्षेत्रफलः 1,197 वर्ग किलोमीटर। विंध्य पर्वतमाला के दक्षिणी क्षेत्र में फैला।

स्रोत – द हिन्दू

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