नागालैंड और 6 महीनों के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित
नागालैंड और 6 महीनों के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित
हाल ही में, सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (Armed Forces Special Powers Act -AFSPA) के तहत संपूर्ण नागालैंड को 6 और महीनों के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया गया है।
गृह मंत्रालय (MHA) ने अधिसूचित किया है, कि संपूर्ण नागालैंड क्षेत्र ऐसी “अशांत और खतरनाक” स्थिति में है कि सिविल शक्तियों की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक है।
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (AFSPA)
- AFSPAको 1958 में लागू किया गया था। AFSPA सैन्य बलों को अशांत क्षेत्रों में व्यवस्था की पुनर्स्थापना के लिए असाधारण शक्तियां और उन्मुक्तियां प्रदान करता है।
- ऐसे क्षेत्रों को विभिन्न धार्मिक, नस्लीय, भाषायी याक्षेत्रीय समूहों अथवा जातियों या समुदायों के सदस्यों के मध्य मतभेदों या विवादों के कारण अशांत माना जाता है।
- AFSPAसशस्त्र बलों को उनके कार्यों के लिए कानूनीउन्मुक्ति, वारंट के बिना किसी को भी गिरफ्तार करने, किसी वाहन को रोकने और तलाशी लेने आदि जैसे प्रावधानों के साथ सशक्त बनाता है।
- AFSPA को वैध बनाने के लिए, किसी क्षेत्र को केंद्र या राज्य सरकार द्वारा अशांत घोषित किए जाने की आवश्यकता होती है।
- वर्तमान में, AFSPAअसम, जम्मू और कश्मीर एवंलद्दाख, नागालैंड, मणिपुर (इंफाल नगरपालिका क्षेत्र को छोड़कर) तथा अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सोंमें लागू है।
- वर्ष 2016 में, उच्चतम न्यायालय ने निर्णय दिया था किसशस्त्र बल “अशांत क्षेत्रों में भी अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान उनके द्वारा की गई ज्यादतियों की जांच से बच नहीं सकते हैं।
- साथ ही, न्यायमूर्ति जीवन रेड्डी आयोग (2005) नेAFSPAको निरस्त करने की भी अनुशंसा की थी।
स्रोत: द हिन्दू
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