नागर विमानन मंत्रालय द्वारा उदारीकृत ड्रोन नियमावली, 2021 को अधिसूचित
हाल ही में, नागर विमानन मंत्रालय द्वारा उदारीकृत ड्रोन नियमावली, 2021 को अधिसूचित किया गया है।
यह ड्रोन नियमावली, मार्च 2021 में जारी मानव रहित विमान प्रणाली नियमावली, 2021 (Unmanned Aircraft System: UAS) को प्रतिस्थापित करेगी।
मार्च 2021 के नियमों को इस प्रतिपुष्टि (फीडबैक) के आधार पर निरस्त कर दिया गया था, कि वे स्वाभाविक रूप से प्रतिबंधात्मक थे। उनमें कागजी कार्रवाई अधिक थी तथा ड्रोन उड़ाने के लिए विभिन्न विभागों से अनुमति लेने की आवश्यकता थी। साथ ही, इसमें बहुत कम ‘फ्री टू फ्लाई’ ग्रीनजोन थे।
मुख्य प्रावधानः
- विशिष्ट प्राधिकार संख्या (Unique Authorisation Number) व विशिष्ट प्रोटोटाइप पहचान संख्या (Unique Prototype Identification Number)सहित अन्य अनुमोदन संबंधी प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया है।
- डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म को उपयोगकर्ता के अनुकूल सिंगल विंडो प्रणाली के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें न्यूनतम मानव इंटरफेस होगा तथा अधिकांश अनुमति स्वतःजनित होंगी।
- डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर हरे, पीले और लाल क्षेत्रों के साथ इंटरएक्टिव एयरस्पेस मानचित्र प्रदर्शित किया जाएगा।
- ‘नो परमिशन-नो टेक-ऑफ’ (NPNT), रियल-टाइम ट्रैकिंग बीकन, जियो-फेंसिंग आदि जैसी सुरक्षा सुविधाओं को भविष्य में अधिसूचित किया जाएगा तथा उनके अनुपालन हेतु छह माह का समय दिया जाएगा।
- भारत में पंजीकृत विदेशी स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा ड्रोन संचालन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
- ड्रोन और ड्रोन घटकों के आयात को विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate & General of Foreign Trade: DOFI) द्वारा विनियमित किया जाएगा।
- ड्रोन नियमावली, 2021 के तहत ड्रोन का कवरेज (भार सीमा) 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है। इसमें ड्रोन टैक्सियां भी शामिल होंगी।
महत्व
- नवोन्मेष एवं व्यवसाय की संभावनाओं के सृजन के लिए स्टार्टअप्स की सहायता करना।
- भारत के सुदूर तथा दुर्गम क्षेत्रों में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को सुनिश्चित करना।
- भारत के वर्ष 2030 तक वैश्विक ड्रोन केंद्र बनने की संभावनाओं को प्रोत्साहित करना।
स्रोत –द हिन्दू