नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा रूफटॉप सोलर योजना पर परामर्शिका जारी
हाल ही में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने रूफटॉप सोलर योजना पर परामर्शिका जारी की गई है ।
मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि इसके द्वारा किसी भी विक्रेता (वेंडर) को अधिकृत नहीं किया गया है। यह योजना केवल विद्युत वितरण कंपनियों (DISCOMS) द्वारा ही राज्यों में कार्यान्वित की जा रही है।
वर्ष 2022 तक रूफटॉप सोलर संयंत्रों के माध्यम से 40 गीगावाट की संचयी क्षमता प्राप्त करने के लिए वर्ष 2019 में ग्रिड से जुड़े रूफटॉप और लघु सौर विद्युत् संयंत्र कार्यक्रम का चरण- ॥ शुरू किया गया था।
ध्यातव्य है कि इसके चरण- I को वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था।
मुख्य उद्देश्यः
- सभी उपभोक्ता खंडों, जैसे आवासीय, संस्थागत, सामाजिक, सरकारी, वाणिज्यिक, औद्योगिक आदि में ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सोलर को बढ़ावा देना।
- रूफटॉप सोलर के परिनियोजन को तीव्रता प्रदान करने के लिए डिस्कॉम्स को सबसे आगे लाना।
रूफटॉप सोलर के फायदे:
पारेषण और वितरण हानियों में बचत, अतिरिक्त भूमि की कोई आवश्यकता नहीं, स्थानीय रोजगार सृजन, स्थानीय आपूर्तिकर्ता को अतिरिक्त विद्युत कीआपूर्ति करके बिजली के बिलों में कमी लाना इत्यादि।
रूफटॉप सोलर योजना में जनभागीदारी बढ़ाने के लिए किए गए अन्य उपाय:
- आवासीय क्षेत्र के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता और चरण -2 के तहत डिस्कॉम्स के लिए विभिन्न स्लैब के अंतर्गत प्रोत्साहन।
- नवीकरणीय ऊर्जा को प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋण श्रेणी के अंतर्गत शामिल किया गया है।
स्ट्रेंथनिंग द पोटेंशियल ऑफ इंडिया (SPIN)- यह परियोजना DC-AC अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए विकसित एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है।
स्रोत – द हिन्दू