भारत नवाचार सूचकांक का तीसरा संस्करण (वर्ष 2021) जारी
हाल ही में नीति आयोग द्वारा भारत नवाचार सूचकांक का तीसरा संस्करण (वर्ष 2021) जारी किया गया है।
यह सूचकांक नीति आयोग और इंस्टिट्यूट फॉर कॉम्पेटिटिवनेस ने तैयार किया है।
यह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके नवाचार प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग प्रदान करता है। इससे उनके बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होती है।
सूचकांक के मुख्य निष्कर्ष
अलग-अलग श्रेणियों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले राज्य हैं:
- प्रमुख राज्यः कर्नाटक,
- पूर्वोत्तर और पहाड़ीराज्यः मणिपुर तथा
- केंद्र शासित प्रदेश और शहर–राज्यः चंडीगढ़
देश में अनुसंधान और विकास (R&D) में निवेश वर्ष 2008-09 में सकल घरेलू उत्पाद का 0.8% था। वर्ष 2017-18 में यह घटकर 0.7% हो गया था।
अनुसंधान और विकास (R&D) में निजी क्षेत्र की भागीदारी कम रही है।
सूचकांक के 7 स्तंभों में शामिल है –
- ‘सक्षम बनाने वाले (Enabler)’ पांच स्तंभ इनपुट का मापन करते हैं। ये इनपुटनवाचार को बढावा देने के लिए जरूरी हैं।
- ‘प्रदर्शन’ (Performance) से जुड़े दो स्तंभ आउटपुट को मापते हैं। ये आउटपुट राष्ट्र के ज्ञान के सृजन और प्रतिस्पर्धात्मकता से जुड़े लाभों को दर्शाते हैं।
- विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा जारी वैश्विक नवाचार सूचकांक 2021 में भारत 48वें स्थान पर है।
भारत नवाचार सूचकांक का महत्व
- यह सूचकांक नीति निर्माताओं और अन्य प्रमुख हितधारकों को भारत की नवाचार प्रणाली की स्थानिकविशेषताओं का व्यापक आकलन प्रदान करता है
- यह उन चुनौतियों की पहचान करता है, जिनका क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाएं अपनी नवोन्मेषी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करने के दौरान सामना करती हैं। यह उन चुनौतियों से निपटने के लिए समाधान भी सुझाता है।
स्रोत– द हिंदू