भारत-बांग्लादेश नदी जल बँटवारा समझौता ज्ञापन
हाल ही में भारत और बांग्लादेश के मंत्रिस्तरीय संयुक्त नदी आयोग (JRC) की 38वीं बैठक का आयोजन संपन्न हुआ है ।
इस दौरान भारत और बांग्लादेश ने कुशियारा नदी के अंतरिम जल बँटवारे पर समझौता ज्ञापन (MoU) को अंतिम रूप दिया है।
बैठक के मुख्य बिंदु
- बैठक में दोनों देशों के बीच साझा नदियों, विशेष रूप से गंगा, तीस्ता, मनु, मुहुरी, खोवाई, गुमटी, धारला, दूधकुमार और कुशियारा से संबंधित मुद्दों के सभी पहलुओं पर चर्चा की गई।
- इसके अलावा बाढ़ से संबंधित आँकड़ों और सूचनाओं के आदान-प्रदान, नदी तट संरक्षण कार्यों, संयुक्त बेसिन प्रबंधन एवं भारतीय नदी को जोड़ने की परियोजना पर विस्तार से चर्चा की गई।
- दोनों देश अंतरिम जल बँटवारे समझौते का मसौदा ढाँचा तैयार करने की दिशा में आँकड़ों और सूचनाओं के आदान-प्रदान में कुछ और नदियों को शामिल करने पर सहमत हुए।
समझौता ज्ञापन के मुख्य बिंदु:
- अक्तूबर 2019 के भारत-बांग्लादेश समझौता ज्ञापन के अनुसार त्रिपुरा के सबरूम शहर की पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये फेनी नदी पर पानी के इंटेक प्वाइंट (एक प्रकार का पंप स्टेशन जहाँ जल संचायक टैंक/जल स्रोत में छोड़ा जाता है) के डिज़ाइन को अंतिम रूप दिया।
- इसके अलावा कई आपसी हित के द्विपक्षीय समस्याओं पर चर्चा हुई जिसमें साझा नदियों के जल बँटवारे, बाढ़ के डेटा का साझाकरण, नदी प्रदूषण को संबोधित करने, अवसादन प्रबंधन पर संयुक्त अध्ययन करने, नदी तट संरक्षण कार्य आदि शामिल हैं।
संयुक्त नदी आयोग (JRC):
- भारत और बांग्लादेश के संयुक्त नदी आयोग का गठन वर्ष 1972 में एक द्विपक्षीय तंत्र के रूप में किया गया था ताकि साझा / सीमा / सीमावर्ती नदियों पर पारस्परिक हित के मुद्दों को हल किया जा सके।
- JRC का नेतृत्त्व दोनों देशों के जल संसाधन मंत्री करते हैं।
- यह बारह वर्षों के लंबे अंतराल के बाद शुरू हो रहा है, हालाँकि JRC के ढाँचे के तहत तकनीकी बातचीत अंतरिम में जारी रही है।
- चूँकि भारत और बांग्लादेश 54 नदियों को साझा करते हैं, जिनमें से सात की पहचान प्राथमिकता के आधार पर पहले ही जल-बँटवारे के समझौतों के ढाँचे को विकसित करने के लिये की गई है।
- नवीनतम बैठक के दौरान वे डेटा विनिमय के लिये आठ और नदियों को शामिल करने पर सहमत हुए।
कुशियारा नदी
- कुशियारा नदी बांग्लादेश और असम में एक वितरिका (Distributary) नदी है।
- यह बराक नदी की एक शाखा के रूप में भारत-बांग्लादेश की सीमा बनाती है जब बराक कुशियारा और सूरमा में अलग हो जाती है।
- कुशियारा अजमेरीगंज उपज़िला (बांग्लादेश) में मारकुली में सूरमा के साथ फिर से मिलती है और कालनी नाम से भैरब बाज़ार (बांग्लादेश) तक दक्षिण की ओर बहती है।
- कालनी सूरमा की एक शाखा धनु (बांग्लादेश) से मिलती है फिर इसका नाम बदलकर मेघना हो जाता है।
फेनी नदी:
- फेनी नदी को बंगाली में फेनी नोदी के नाम से भी जाना जाता है जो भारत-बांग्लादेश सीमा का हिस्सा है।
- फेनी नदी का उद्गम दक्षिण त्रिपुरा ज़िले से होता है तथा यह सबरूम शहर से गुजरती हुई बांग्लादेश में प्रवाहित होती है तथा आगे यह बंगाल की खाड़ी से मिलती है।
- मैत्री सेतु, फेनी नदी पर 1.9 किमी लंबा पुल भारत-बांग्लादेश को जोड़ने के लिए त्रिपुरा में बनाया गया है।
स्रोत –द हिन्दू