नत्थी वीजा (stapled visa)
हाल ही में चीन ने ‘समर वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स’ के लिए अरुणाचल के तीन एथलीटों को नत्थी वीजा (stapled visa) जारी किया है।
एथलीटों को मुद्रांकित (stamped) वीजा के बजाय स्टेपल्ड वीज़ा जारी करने के चीन के फैसले के विरोध में भारत ने चीन में होने वाले खेलों में एथलीटों को भेजने से मना कर दिया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत इस तरह की कार्रवाइयों पर उचित प्रतिक्रिया देने का अधिकार सुरक्षित रखता है ।
स्टेपल वीज़ा क्या है?
जब किसी देश का कोई नागरिक किसी अन्य देश की यात्रा करना चाहता है तो उस देश से अनुमति लेनी पड़ती है, इसे ही वीजा कहते हैं।
यह कई प्रकार के होते हैं, जिसमें टूरिस्ट वीजा, बिजनेस वीजा, ट्रांसिट वीजा, जर्नलिस्ट वीजा, एंट्री वीजा, ऑन अराइवल वीजा, पार्टनर वीजा आदि शामिल हैं।
स्टेपल्ड वीज़ा कागज का एक बिना मोहर लगा हुआ टुकड़ा होता है जो पासपोर्ट के एक पृष्ठ पर पिन या स्टेपल द्वारा जुड़ा होता है और इसे इच्छानुसार फाड़ा या अलग किया जा सकता है।
यह नियमित वीज़ा से अलग है जिसे जारी करने वाले प्राधिकारी द्वारा पासपोर्ट पर चिपकाया जाता है और मुहर लगाई जाती है।
स्टेपल्ड वीज़ा कई देशों द्वारा जारी किया जाता है। जैसे – क्यूबा, ईरान, सीरिया और उत्तर कोरिया।
चीन ऐसा क्यों करता है?
वर्ष 1914 के शिमला कन्वेंशन में ग्रेट ब्रिटेन, चीन और तिब्बत के बीच कन्वेंशन में सहमति व्यक्त की गई थी।
इस कन्वेंशन में चीन तिब्बत और ब्रिटिश भारत के बीच की सीमा को मैकमोहन रेखा द्वारा निर्धारित किया गया था । चीन तिब्बत और ब्रिटिश भारत के बीच की सीमा मैकमोहन रेखा की कानूनी स्थिति को नहीं मानता है ।
चीन अरुणाचल प्रदेश के लगभग 90,000 वर्ग किमी क्षेत्र पर अपना दावा करता है। यह अरुणाचल प्रदेश के इस क्षेत्र को चीनी भाषा में ” ज़ंगनान” कहता है और बार-बार ” दक्षिण तिब्बत” का संदर्भ देता है ।
चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा मानता है, लेकिन अरुणाचल के लोगों को अपने देश का नहीं मानता, इसलिए वह इस राज्य के लोगों के लिए नत्थी वीजा जारी करता है।
यह प्रथा कब से चली आ रही है?
चीनी ने 2005 से अरुणाचल प्रदेश को “दक्षिण तिब्बत” के रूप में संदर्भित करना शुरू कर दिया।
उन्होंने 2006 के अंत में अरुणाचल प्रदेश में सेवारत एक भारतीय सरकारी अधिकारी को वीज़ा देने से इनकार करके अपने इरादे का संकेत दिया।
इसके बाद, उन्होंने अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के सभी भारतीय नागरिकों को ‘स्टेपल’ वीजा जारी करने की प्रथा शुरू की।
स्टेपल्ड वीज़ा से संबंधित चुनौतियां
यदि नत्थी वीजा वाला कोई शख्स अगर काम खत्म करके अपने देश लौटना चाहता है तो उसे पासपोर्ट के साथ मिलने वाली पर्ची को फाड़ दिया जाता है।
दरअसल, पर्ची पर यात्रा का कारण और स्टाम्प लगा होता है। यही कारण है कि उस देश में एंट्री और एग्जिट पास को फाड़ दिया जाता है।
इस तरह यात्रा करने वाले व्यक्ति के पासपोर्ट इस यात्रा की कोई जानकारी नहीं रह जाती। भारतीय सरकार और प्रशासन के लिए यह सुरक्षा को लेकर बड़ी चुनौती पैदा करता है।
इतना ही नहीं जिस देश के निवासी के लिए नत्थी वीजा जारी किया जाता है, उस देश के लिए यह संप्रभुता का सवाल बन जाता है।
यह भारत सरकार के लिए एक चुनौती है कि एक दुश्मन देश स्वतंत्र देश के हिस्से को अपना क्षेत्र मानता है।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस