WHO द्वारा ‘नए जीवाणुरोधी उपचार के विकास को प्रोत्साहन, 2023′ नामक रिपोर्ट जारी
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ‘नए जीवाणुरोधी उपचार के विकास को प्रोत्साहन, 2023’ रिपोर्ट जारी की है।
यह रिपोर्ट WHO ने ग्लोबल AMR R-D हब के साथ साझेदारी में जारी की है। इस रिपोर्ट में रोगाणुरोधी प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance: AMR) से निपटने के लिए एक बेहतर एंटीबायोटिक उपचार विधि सुनिश्चित करने में की गई प्रगति और इसमें शेष रह गई कमियों को रेखांकित किया गया है ।
ग्लोबल AMR R&D हब देशों, गैर-सरकारी दानकर्ता संगठनों और अंतर-सरकारी संगठनों की एक साझेदारी है।
इसका उद्देश्य वन हेल्थ दृष्टिकोण का उपयोग करके वैश्विक AMR अनुसंधान एवं विकास में आने वाली चुनौतियों का समाधान करना तथा समन्वय और सहयोग में सुधार करना है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष :
- AMR मानवता के समक्ष शीर्ष 10 वैश्विक लोक स्वास्थ्य खतरों में से एक है। इसके कारण 2019 में 95 मिलियन लोगों की मौत हुई थी ।
- AMR की वजह से होने वाली 5 में से 1 मौत 5 साल से कम उम्र के बच्चों की होती है ।
- यदि इसकी रोकथाम के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो 2050 तक इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को 100 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हो सकता है।
- AMR तब होता है, जब बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या कवक जैसे सूक्ष्म जीव रोगाणुरोधी उपचारों के लिए प्रतिरोधी बन जाते हैं, जिनके प्रति वे पहले अतिसंवेदनशील थे।
AMR के मामले बढ़ने के कारण:
- जागरूकता की कमी के कारण एंटीबायोटिक दवाओं का अनुचित सेवन;
- पशुधन और कुक्कुट पालन में एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक उपयोग आदि ।
प्रमुख सिफारिशें –
- सतत और पूर्वानुमेय वित्त पोषण के माध्यम से AMR अनुसंधान एवं विकास तंत्र को मजबूत करना चाहिए ।
- अति आवश्यक लोक स्वास्थ्य जरूरतों तथा AMR के लिए अन्य आवश्यक स्वास्थ्य उत्पादों (डायग्नोस्टिक्स व टीकों सहित) को संबोधित करते हुए एंटीबायोटिक्स तक समान और वैश्विक पहुंच को बढ़ावा देना चाहिए ।
स्रोत – डबल्यू एच ओ