भारतीय संसद को “ध्रुव तारा” की संज्ञा देना
हाल ही में विपक्ष द्वारा संसद में भारी हंगामे के बीच उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि संसद चर्चा करने की जगह है, व्यवधान उत्पन्न करने की नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद लोकतंत्र का ध्रुव तारा (North Star) है। यही लोकतंत्र का मूल तत्व है।
इससे कुछ दिन पहले, भारत मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने बुनियादी संरचना सिद्धांत (basic structure doctrine ) को “ध्रुव तारा” कहा था, जो “संविधान के व्याख्याताओं और कार्यान्वयनकर्ताओं को निश्चित दिशा देता है जब आगे का रास्ता जटिल हो” ।
यहां, उपराष्ट्रपति धनखड़ और CJI चंद्रचूड़, दोनों ने ध्रुव तारा के रूपक का उपयोग कुछ स्थिर/ स्थायी को संदर्भित करने के लिए किया है जो नेतृत्व और दिशा प्रदान करता है।
ध्रुव तारा
पोलारिस (Polaris), जिसे उत्तरी सितारा या ध्रुव तारा के रूप में भी जाना जाता है, एक बहुत चमकीला तारा है, यहां तक कि हमारे सूर्य से लगभग 2500 गुना अधिक चमकदार।
यह हमारे ग्रह पृथ्वी के घूर्णन अक्ष (rotational axis) के साथ उत्तरी आकाशीय ध्रुव (north celestial pole) से 1° से भी कम दूरी पर स्थित है।
चूँकि पोलारिस उत्तरी ध्रुव के “ऊपर” पृथ्वी के घूर्णन अक्ष के साथ लगभग एक सीधी रेखा में स्थित है, इसलिए यह रात में आकाश में लगभग गतिहीन प्रतीत होता है, और उत्तरी आकाश के सभी तारे इसके चारों ओर घूमते दिखाई देते हैं।
यह इसे एक उत्कृष्ट निश्चित बिंदु बनाता है जिससे आकाशीय नेविगेशन के लिए मापन किया जा सकता है।
इसकी स्थिति और चमक की वजह से मानव प्राचीन काल से ही नेविगेशन के लिए इसका उपयोग करते रहे हैं।
यह नक्षत्र उर्स माइनर (constellation Ursa Minor) का एक हिस्सा है और पृथ्वी से लगभग 323 प्रकाश वर्ष दूर है।
हालांकि पोलारिस आकाश में सबसे चमकीला तारा नहीं है, पर इसे आसानी से पता लगाया जा सकता है क्योंकि यह बिग सप्तर्षि (Big Dipper) के कप में लगभग दो सितारों के साथ संरेखित है।
स्रोत – द प्रिंट