राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (NMA) द्वारा धरोहर उप–नियम
हाल ही में राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (NMA) ने धरोहर उप-नियम (Heritage Bye Laws: HBL) बनाने का एक उत्कृष्ट प्रयास किया है।
- NMA ने कोविड अवधि (वर्ष 2019 के बाद से) के दौरान 101 धरोहर उप-नियम (HBL) बनाए हैं। इनमें केंद्र सरकार द्वारा संरक्षित कुल 126 स्मारकों को शामिल किया गया है।
- प्राचीन संस्मारक एवं पुरातात्विक स्थल और अवशेष (AMASR) (संशोधन और सत्यापन) अधिनियम, 2010 ने केंद्र सरकार द्वारा संरक्षित सभी स्मारकों के लिए अपने स्वयं के HBL होना अनिवार्य कर दिया है।
- HBLs का कार्य वर्ष 2012 तक पूरा होना था।
- शहरीकरण की तीव्र दर, विकास कार्यों एवं बढ़ती जनसंख्या का दबाव, केंद्र सरकार द्वारा संरक्षित स्मारकों के आसपास की भूमि पर बढ़ता दबाव आदि के कारण ये उपनियम बनाने आवश्यक हो गए थे। AMASR अधिनियम के तहत संरक्षित स्मारकों के 100 मीटर के दायरे में केवल मरम्मत कार्यों की अनुमति दी जाती है।
- 100 मीटर से 300 मीटर के बीच के क्षेत्र में निर्माण कार्यों को विनियमित करने के लिए HBLs लागू करने चाहिए।
- ABLs स्मारकों के आसपास संपत्ति और व्यक्तिगत विकास को विनियमित करने में मदद करेंगे।
राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (NMA) के बारे में
- NMA, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक संस्था है। इसका गठन AMASR अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के अनुसार किया गया है।
- यह संस्था केंद्रीय रूप से संरक्षित स्मारकों के आसपास निषिद्ध और विनियमित क्षेत्र का प्रबंधन करती है। इस प्रकार स्मारकों और स्थलों की सुरक्षा तथा संरक्षण के लिए जिम्मेदार है।
स्रोत – द हिंदू