भारत और ऑस्ट्रेलिया द्वारा द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन डॉलर बढ़ाने का लक्ष्य
हाल ही में, भारत–ऑस्ट्रेलिया के बीच 18वें संयुक्त मंत्रिस्तरीय आयोग की बैठक आयोजित हुई है। इस बैठक में दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की है।
इसमें महत्वपूर्ण खनिजों, गतिशीलता, शिक्षा, खेल, अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र पर बल दिया जाएगा।
100 बिलियन डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए, दोनों देश 2023 के अंत तक एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) पर हस्ताक्षर करने के इच्छुक हैं।
इस समझौते में भारत के लिए मौजूदा व्यापार असंतुलन को कम करने हेतु भी प्रयास किया जाएगा, जो ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में है। इसका तात्पर्य यह है कि भारत को ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार में घाटा होता है।
CECA में आमतौर पर केवल व्यापार टैरिफ और TRO (टैरिफ रेट कोटा) दरों पर वार्ता को शामिल किया जाता है ।
यह समझौता, भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA) नामक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की अगली कड़ी होगी। भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA 2022 में प्रभावी हुआ था ।
ECTA ने 96 प्रतिशत भारतीय निर्यात और 85 प्रतिशत ऑस्ट्रेलियाई निर्यात पर शुल्कों को कम कर दिया है ।
भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार संबंध
वर्ष 2021 में, दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार लगभग 27.5 बिलियन डॉलर का था।
इनमें भारतीय निर्यात का मूल्य 10.5 बिलियन डॉलर और आयात का मूल्य 17 बिलियन डॉलर था।
ऑस्ट्रेलिया भारत का 17वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है, जबकि भारत ऑस्ट्रेलिया का 9वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है।
मुक्त व्यापार समझौता (FTA)
मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दो या दो से अधिक देशों या व्यापारिक समूहों के बीच एक व्यवस्था है। यह मुख्यतः संबंधित पक्षों के बीच के अधिकांश व्यापार पर सीमा शुल्क और गैर- प्रशुल्क बाधाओं को कम करने या समाप्त करने का प्रावधान करता है।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस, जापान, सिंगापुर सहित कई देशों के साथ FTAs पर हस्ताक्षर किए हैं।
स्रोत – द हिन्दू