देवासहायम पिल्लै
हाल ही में देवसहायम पिल्लै (ब्लेस्ड लाजास्स) को वेटिकन रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा संत की उपाधि प्रदान की जाएगी।
वह संत की उपाधि प्राप्त करने वाले भारत के पहले आम आदमी (एक चर्च के गैर-नियुक्त सदस्य) होंगे।
देवासहायम का जन्म 23 अप्रैल, 1712 को कन्याकुमारी जिले (तमिलनाडु) के नट्टलम गांव में हुआ था। उन्होंने त्रावणकोर के राजा मातंड वर्मा के दरबार में अपनी सेवाएं दी थीं।
वे त्रावणकोर के शाही घराने की सेवा करते हुए डच ईस्ट इंडिया कंपनी के एक कप्तान के संपर्क में आ गए थे। इसके कुछ वर्ष बाद 1745 ई. में वे कैथोलिक ईसाई बन गए थे।
ईसाई धर्म अपनाने के बाद पिल्लै ने ‘लाजास’ नाम रख लिया था। इसका अर्थ है, ‘ईश्वर ही मेरी सहायता है’।
स्रोत –द हिन्दू