प्रवासी मतदाताओं के लिए दूरस्थ मतदान सुविधा
हाल ही में चुनाव आयोग, प्रवासी मतदाताओं के लिए दूरस्थ मतदान की संभावनाओं हेतु एक प्रायोगिक परियोजना पर विचार कर रहा है।
- चुनाव आयोग ने कहा है कि प्रवासी मतदाताओं से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति सभी हितधारकों के साथ परामर्श के बाद दूरस्थ मतदान (रिमोट वोटिंग) की संभावनाएं भी तलाशेगी।
- दूरस्थ मतदान से तात्पर्य उस प्रणाली से है, जो मतदाताओं को उनके पंजीकृत निर्वाचन क्षेत्रों में निर्धारित मतदान केंद्रों के अलावा अन्य स्थानों से मतदान करने की अनुमति देती है। अन्य स्थान देश के भीतर हो सकते हैं या विदेशों में भी हो सकते हैं।
- भारत में लगभग 40 करोड़ आंतरिक प्रवासी हैं। इनमें लगभग 12 करोड़ चक्रीय प्रकृति के प्रवासी श्रमिक हैं।
- आंतरिक प्रवासी कामगार अपने नियोजन स्थल पर मतदाता के रूप में नाम दर्ज नहीं कराते हैं। इसका कारण यह है कि उनके लिए इस संदर्भ में अपने निवास का प्रमाण देना कठिन होता है।
प्रवासियों के लिए मतदान के वर्तमान और प्रस्तावित साधन
- वर्तमान में, डाक मतपत्र (पोस्टल बैलेट्स) अपने मतदान क्षेत्र से बाहर के व्यक्तियों के लिए मतदान करने का एकमात्र तरीका है, लेकिन यह सुविधा कुछ सेवा मतदाताओं के लिए उपलब्ध है, जैसे- सैन्य कार्मिक।
- एक देश एक मतदाता पहचान पत्र (वन नेशन वन वोटर आईडी): यह बैलेट पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए एक प्रस्तावित समाधान है। यह उन लोगों की मदद करेगा, जो अपने मताधिकारों का प्रयोग करने में असमर्थ हैं। जैसेः अनिवासी भारतीय, प्रवासी आदि।
- आधार से जुड़ी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग प्रणालीः यह मॉडल मतदाताओं को देश के किसी भी हिस्से से वोट डालने में सक्षम बनाएगा।
स्रोत – द हिन्दू