दुर्लभ मृदा तत्व
हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में कहा है कि निकट भविष्य में चीन और अमेरिका के बीच दुर्लभ मृदा तत्त्वों (Rare Earth Element) को लेकर तनाव बढ़ सकता है।
मुख्य बिंदु
- वाशिंगटन स्थित ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज’ के अनुसार चीन इन तत्वों के निर्यात में कमी करने की कोशिश कर सकता है।
- स्वच्छ ऊर्जा से जुड़े खनिजों की मांग में अपेक्षित वृद्धि ने अमेरिका के साथ यूरोप पर भी अधिक दबाव डाला है ।
अमेरिका एवं यूरोपीय संघ की चीन पर निर्भरता
‘यूएस जियोलॉजिकल सर्वे’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 में, अमेरिका ने चीन से दुर्लभ पृथ्वी खनिजों का लगभग 80 प्रतिशत आयात किया है। इसके अतिरिक्त, यूरोपीय संघ भी चीन से अपनी आपूर्ति का 98 प्रतिशत दुर्लभ मृदा तत्व आयात करता है ।
दुर्लभ मृदा तत्त्व
- दुर्लभ मृदा तत्त्व, 17 दुर्लभ धातु तत्त्वों का एक समूह है, जो पृथ्वी की ऊपरी सतह (क्रस्ट) में पाए जाते हैं। इनमें आवर्त सारणी के 15 लैंथेनाइड और स्कैंडियम और यट्रियम शामिल हैं।
- प्रमुख 15 दुर्लभ मृदा तत्व निम्नलिखित हैं- लैंथेनम (La), सेरियम (Ce), प्रेजोडियम (Pr), नियोडिमियम (Nd), प्रोमेथियम (Pm), समैरियम (Sm), यूरोपियम (Eu), गैडोलिनियम (Gd), टरबियम(Tb), डिस्प्रोसियम (Dy), होल्मियम (Ho), एर्बियम (Er), थुलियम(Tm), यटेरबियम(Yb), और लुटेटियम (Lu)।
अनुप्रयोग
- इनका उपयोग पवन टरबाइन, इलेक्ट्रिक वाहन, लड़ाकू विमान और हथियार प्रणालियों जैसे बिजली के उपकरणों को बनाने में किया जाता है।
- इनके अद्वितीय चुंबकीय, संदीप्तिशील और विद्युत-रासायनिक गुणों के कारण इनका उपयोग स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक कार, कैमरा लेंस, एक्स-रे स्कैनर, विंड टर्बाइन और कंप्यूटर हार्ड ड्राइव जैसे उत्पादों के उत्पादन में किया जाता हैं।
- दुर्लभ मृदा तत्व अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला हेतु आवश्यक कच्चे माल हैं, यथा- धातु विज्ञान (धातु शोधन और मिश्र धातु), मोटर वाहन और पेट्रो-रसायन उद्योग में उत्प्रेरक, कांच/चीनी मिट्टी की चीज़ें, फास्फोरस (LED), कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लैंप, फ्लैट पैनल डिस्प्ले, पराबैंगनी किरण, रिचार्जेबल सॉलिड स्टेट बैटरी (Ni-MH), फाइबर ऑप्टिक्स आदि|
स्रोत – द हिन्दू