केंद्र सरकार आकांक्षी जिलों में दुग्ध उत्पादन और पशुधन उत्पादकता को बढ़ावा देगी
हाल ही में पशुपालन और डेयरी विभाग ने ‘पशुधन जागृति अभियान’ नामक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया है। इसे समावेशी विकास अभियान के अंतर्गत आयोजित किया गया है।
इस कार्यक्रम को किसानों को पशुपालन और डेयरी फार्मिंग में नवीनतम प्रथाओं तथा तकनीकों की बेहतर समझ हासिल करने में मदद करने के लिए तैयार किया गया है। इससे किसानों की आजीविका में सुधार होगा ।
इसका उद्देश्य लगभग 16,000 ग्राम स्तरीय शिविरों का आयोजन करके देश भर के 112 सबसे कम विकसित जिलों में प्रभावी बदलाव लाना है ।
सभी आकांक्षी जिलों में दो पशु स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक स्वास्थ्य शिविर में 100 किसान भाग ले सकेंगे।
भारत में डेयरी क्षेत्रक की स्थिति :
- भारत विश्व में दुग्ध उत्पादन में पहले स्थान पर है तथा दुनिया में सबसे बड़ी गोवंशीय आबादी भी भारत में ही है।
- वैश्विक दुग्ध उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी लगभग 23% है। भारत ने 2021-22 में 221.1 मिलियन टन दुग्ध उत्पादन किया था।
- डेयरी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5% का योगदान देने वाला सबसे बड़ा कृषि संबद्ध क्षेत्रक है। इसके अलावा यह क्षेत्रक लगभग 80 मिलियन डेयरी किसानों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है।
- शीर्ष 5 दुग्ध उत्पादक राज्य हैं: राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश।
डेयरी क्षेत्र के लिए शुरू की गई पहलें
- डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि – दुग्ध प्रसंस्करण तथा मांस प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए आरंभ की गई है।
- राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम – दुग्ध उत्पादों की खरीद के लिए डेयरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने हेतु शुरू किया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड – यह अब पशुपालकों को भी प्रदान किया जाएगा।
स्रोत – हिन्दुस्तान टाइम्स