भूमि और लोक व्यवस्था को छोड़कर शेष सभी सेवाओं पर दिल्ली सरकार का अधिकार
सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया है कि पुलिस, भूमि और लोक व्यवस्था को छोड़कर शेष सभी सेवाओं पर दिल्ली सरकार का अधिकार है।
सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ ने निर्णय दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (National Capital Territory of Delhi: NCTD) की चुनी हुई सरकार के पास 7वीं अनुसूची की सूची ॥ की प्रविष्टि 41 के तहत सेवाओं पर विधायी और कार्यकारी शक्तियां है।
न्यायालय की प्रमुख टिप्पणियां
- NCTD के विधायी दायरे के तहत आने वाले मामलों के संबंध में उपराज्यपाल (L-G), NCTD की मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से कार्य करने के लिए बाध्य हैं।
- शीर्ष न्यायालय ने यह भी पुष्टि की है कि संविधान के अनुच्छेद 239AA के प्रावधानों के तहत लोक व्यवस्था, भूमि और पुलिस से संबंधित सेवाओं पर केंद्र सरकार का अनन्य विधायी एवं कार्यकारी नियंत्रण है।
- न्यायालय ने कहा कि संवैधानिक रूप से स्थापित और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार का अपने प्रशासन पर नियंत्रण होना जरूरी है।
- मंत्रियों के नियंत्रण में सिविल सेवा, सुशासन प्रदान करने के लिए मंत्रिपरिषद (CoM) के निर्णयों को लागू करती है।
- 69वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1991 द्वारा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को विशेष दर्जा प्रदान किया गया था ।
- साथ ही, इसे अपनी लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार और विधान सभा गठित करने का भी अधिकार दिया गया था ।
- विधान सभा के पास राज्य सूची या समवर्ती सूची में शामिल उन सभी विषयों के शासन और उन पर नियम बनाने के शक्ति होगी, जो केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू होते हैं।
- हालांकि, उपराज्यपाल और उसके मंत्रियों के बीच किसी भी मामले पर मतभेद होने की स्थिति में उपराज्यपाल ऐसे मामले को राष्ट्रपति के पास भेजेगा ।
स्रोत – टाइम्स ऑफ़ इंडिया