प्रधान मंत्री ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (DME) के पहले चरण का उद्घाटन किया

प्रधान मंत्री ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (DME) के पहले चरण का उद्घाटन किया

हाल ही में प्रधानमंत्री ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली दौसा-लालसोट खंड को राष्ट्र समर्पित किया।

  • उन्होंने 5940 करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से विकसित होने वाली 247 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
  • दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड को 12,150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है।
  • इस खंड के प्रचालनगत होने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय 5 घंटे से घटकर लगभग 3.5 घंटे रह जाएगा और इससे पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास को अत्यधिक बढ़ावा मिलेगा।
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि एक्सप्रेसवे के किनारे ग्रामीण हाट स्थापित किए जा रहे हैं, जो स्थानीय किसानों और कारीगरों की मदद करेंगे।
  • उन्होंने रेखांकित किया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से राजस्थान के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों को लाभ होगा।
  • उन्होंने कहा, “सरिस्का, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, रणथंभौर और जयपुर जैसे पर्यटन स्थलों को राजमार्ग से बहुत लाभ मिलेगा”।

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे

  • दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे 1,386 किमी की लंबाई के साथ भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा।
  • यह दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा की दूरी को 1,424 किमी से 12 प्रतिशत कम करके 1,242 किमी कर देगा और यात्रा का समय 24 घंटे से घटकर 12 घंटे तक यानी 50 प्रतिशत कम हो जाएगा।
  • यह छह राज्यों – दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा और कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगा।
  • यह 93 पीएम गति शक्ति इकोनॉमिक नोड्स, 13 बंदरगाहों, 8 प्रमुख हवाई अड्डों और 8 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क्स (MMLPs) के साथ-साथ जेवर हवाई अड्डे जैसे निर्माणाधीन ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की आवश्यकताओं को भी पूरा करेगा ।
  • DME प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की भारतमाला परियोजना का हिस्सा है । भारतमाला परियोजना को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने शुरू किया है। DME के 2024 में पूरा होने का अनुमान है ।

भारतमाला परियोजना की विशेषताएं:

  • यह आर्थिक गलियारों को एकीकृत करेगी;
  • इंटर-कॉरिडोर और फीडर मार्गों के माध्यम से लास्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी;
  • मौजूदा राष्ट्रीय गलियारों का लेन विस्तार करेगी और उनके यातायात बोझ को कम करेगी;
  • बंदरगाहों के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी;
  • ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण को बढ़ावा देगी।
  • DME परियोजना पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान द्वारा संचालित है। इसके तहत ऑप्टिकल फाइबर केबल, बिजली की लाइन, गैस पाइपलाइन आदि बिछाने की व्यवस्था की गई है।

स्रोत – पी.आई.बी.

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