भारत म्यांमार थाईलैंड (IMT) त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना
हाल ही में म्यांमार ने त्रिपक्षीय सड़क/राजमार्ग परियोजना में सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organization- BRO) की उपस्थिति पर आपत्ति व्यक्त की है।
केंद्र सरकार ने अग्रलिखितपरियोजनाओं में सीमा सड़क संगठन (BRO) की भूमिका पर म्यांमार सरकार की आपत्तियों के बारे में गृह मामलों की संसदीय समिति को सूचित किया है।
ये परियोजनाएं हैं
- भारत-म्यांमार-थाईलैंड (IMT) त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना और कलादान बहुविध पारगमन -परिवहन परियोजना (Kaladan Multimodal Transit Transport: KMTT)।
- म्यांमार द्वारा आपत्ति प्रकट किए जाने के उपरांत मंत्रालय इस परियोजना के कार्यान्वयन हेतु NPCC,NHAI, IRCON और RITES जैसी अन्य एजेंसियों के विकल्प पर विचार कर रहा है।
IMT त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना
- 1360 कि.मी. लंबा यह राजमार्ग भारत की ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ के तहत एक निर्माणाधीन राजमार्ग है। यह भारत के मोरेह को म्यांमार होते हुए थाईलैंड के मेइसॉट (Mae Sot) से जोड़ेगा।
- यह राजमार्ग, आसियान (ASEAN) भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र और शेष दक्षिण पूर्व एशिया के साथ व्यापार एवं वाणिज्य को प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
- भारत द्वारा कंबोडिया, लाओस और वियतनाम तक राजमार्ग का विस्तार करने का भी प्रस्ताव किया गया है।
कलादान बहुविध पारगमन -परिवहन परियोजना (KMTT) परियोजना
- यह पोत-संचालन, अंतर्देशीय जल और सड़क परिवहन सहित तीन पृथक-पृथक प्रणालियों वाली बहुविध परिवहन परियोजना है।
- यह परियोजना समुद्री मार्ग द्वारा कोलकाता पत्तन को म्यांमार के सित्तवे पत्तन से, जोड़ती है। इसके उपरांत कलादान नदी पर अंतर्देशीय जल परिवहन द्वारा सित्तवे को पलेतवा से तथा सड़क मार्ग से भारत-म्यांमार सीमा को पार करते हुए पलेतवा को भारत से जोड़ती है।
- यह कोलकाता से मिजोरम के मध्य दूरी को लगभग 1000 कि.मी. तक कम कर देगी। साथ ही, माल ढुलाई के लिए परिवहन के समय में 3-4 दिनों के समय की बचत होगी।
स्रोत –द हिन्दू