भारत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) व फ्रांस की त्रिपक्षीय बैठक आयोजित
हाल ही में भारत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) व फ्रांस ने अपनी पहली त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की है, इस बैठक का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के संभावित क्षेत्रों का पता लगाना था।
इन क्षेत्रों में शामिल हैं: समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR), ब्लू इकोनॉमी, क्षेत्रीय संपर्क, बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग, ऊर्जा एवं खाद्य सुरक्षा, स्टार्टअप्स आदि।
भारत–यूएई–फ्रांस त्रिपक्षीय मंच और इसका महत्व –
- त्रिपक्षीय फ्रेमवर्क के तहत हिंद प्रशांत में सहयोग को बढ़ावा देना। इस क्षेत्र में चीन की सैन्य मौजूदगी के बढ़ने से अंतर्राष्ट्रीय चिंता में भी बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में यह सहयोग महत्वपूर्ण हो जाता है।
- यह ऊर्जा और क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र या अरब सागर में रणनीतिक स्वायत्तता को बढ़ाएगा।
- संयुक्त अरब अमीरात और भारत, दोनों पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र के देश हैं।
- वहीं फ्रांस के दो समुद्रपारीय राज्यक्षेत्र – मैयट और रीयूनियन इस क्षेत्र में मौजूद हैं। इस रूप में वह भी इस क्षेत्र की एक स्थानीय शक्ति है। यूएई और जिबूती में फ्रांस के इंटर-सर्विस बेस भी हैं।
- यह भारत की वैश्विक भूमिका के साथ-साथ भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी, लुक वेस्ट पॉलिसी, क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास (सागर/SAGAR) पहल आदि की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
- यह ‘स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत’ के साझा लक्ष्यों की दिशा में कार्य करने का अवसर भी प्रदान करता है।
हिंद–प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए अन्य पहलें निम्नलिखित हैं–
- ब्रिक्स, क्वाड, भारत-जापान-ऑस्ट्रेलिया मंच, भारत-ऑस्ट्रेलिया-फ्रांस मंच (इसे ऑस्ट्रेलिया में नई सरकार के तहत पुनर्जीवित किया जाएगा) और भारत-इंडोनेशिया-ऑस्ट्रेलिया मंच (संभावित)।
- भारत और संयुक्त अरब अमीरात I2U2 मंच के भी सदस्य हैं। इस मंच के अन्य सदस्य देश हैं- इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका।
स्रोत –द हिन्दू